फर्जी आइडी से पत्नी की आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड करने वाले की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
विधि संवाददाता शिमला अपराध के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव की प्रकृति पर ध्यान देते ह
विधि संवाददाता, शिमला : अपराध के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव की प्रकृति पर ध्यान देते हुए उच्च न्यायालय ने अभिषेक मंगला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोप है कि पत्नी के नाम से फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर इंटरनेट मीडिया और फेसबुक पर उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो अपलोड की।
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने यह आदेश अभिषेक द्वारा अग्रिम जमानत देने के लिए दायर याचिका पर दिया। उसकी पत्नी ने पुलिस शिकायत दर्ज की थी कि अभिषेक ने उसके मोबाइल पर उसकी नग्न तस्वीरें खींची व उसे धमकी दी कि वह उसके पिता को उसे स्कूटी प्रदान करने के लिए कहे नहीं तो ये तस्वीरें इंटरनेट पर डाल देगा। मना करने पर एक फर्जी आइडी बनाकर तस्वीरें इंटरनेट मीडिया और फेसबुक पर अपलोड कर दीं। न्यायालय ने कहा कि पति और पत्नी का संबंध एक विशेषाधिकार प्राप्त संबंध है। पति-पत्नी की नग्न तस्वीरों को पोस्ट करना, विशेष रूप से पत्नी के विश्वास को सार्वजनिक तौर धोखा देना है जो कि वैवाहिक संबंधों के तात्पर्य से विपरीत है। यह न केवल गंभीर है बल्कि जघन्य अपराध है। अग्रिम जमानत का असाधारण प्रावधान, ऐसे अपराधियों को लाभान्वित करने के लिए तैयार नहीं है।