अनुराग बोले-25 साल, जयराम बोले -50 साल की बन रही विकास योजना

राज्य ब्यूरो शिमला राजधानी शिमला स्थित रिज मैदान पर रविवार को हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के स्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 08:24 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 08:24 PM (IST)
अनुराग बोले-25 साल, जयराम बोले
-50 साल की बन रही विकास योजना
अनुराग बोले-25 साल, जयराम बोले -50 साल की बन रही विकास योजना

राज्य ब्यूरो, शिमला : राजधानी शिमला स्थित रिज मैदान पर रविवार को हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्णिम हिमाचल कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के विकास पर अपनी-अपनी राय रखी।

अनुराग ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सलाह दी कि आगामी 25 वर्षो में हिमाचल कहां होना चाहिए, इसके लिए पार्टी से उपर उठकर रोड मैप तैयार किया जाए। उनकी इस सलाह के बाद जयराम ने संबोधन में स्पष्ट किया कि हिमाचल के लिए पचास वर्षों के विकास की योजना और रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे और उसके आधार पर विकास योजना तैयार की जाएगी।

स्वर्णिम हिमाचल कार्यक्रम की यह खासियत रही कि हर राजनेता ने हिमाचल के विकास को लेकर विचार रखे और हिमाचल को देश में नंबर वन पर पहुंचाने की बात हुई। इसके लिए पूर्व में रहे मुख्यमंत्रियों के प्रयासों की सराहना की गई और उनकी रखी बुनियाद को और मजबूत करने पर बल दिया गया। कांग्रेस और भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों को विकास का श्रेय दिया गया और उनके कार्यो की सराहना की गई।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि 25 वर्षो की विकास योजना में कार्बन न्यूट्रल राज्य की तरफ बढ़ना, पर्यटन राज्य के तौर पर बढ़ने के साथ क्लीन व ग्रीन राज्य बनना होगा।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि सादगी और सांस्कृतिक धरोहर के साथ पर्यटन, कृषि, बागवानी और पन विद्युत के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है, जिससे भविष्य में याद किया जाए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल को नंबर वन राज्य बनाने के लिए पचास वर्ष के लिए विकास योजना को बनाने की बात करते हुए कहा कि कृषि, बागवानी और पनविद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में हिमाचल को बुलंदी पर ले जाने की योजना है। औद्योगिक विकास के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर मीट जैसे आयोजनों से उद्योगों को पंख लगेंगे। पर्यटन को विकसित करने के लिए ऐसे स्थलों को विकसित किया जाना है जहां पर पर्यटक अभी नहीं पहुंचे हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के निर्माण से हवाई सेवाओं को बेहतर कर क्नेक्टिवीटी को बेहतर किया जाना है।

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