प्राकृतिक खेती से जुड़े हिमाचल के 1.30 लाख किसान

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती से 1.30 लाख किसान जुड़े हैं और बेहतर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 08:15 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 08:15 PM (IST)
प्राकृतिक खेती से जुड़े हिमाचल के 1.30 लाख किसान
प्राकृतिक खेती से जुड़े हिमाचल के 1.30 लाख किसान

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती से 1.30 लाख किसान जुड़े हैं और बेहतर उत्पादन ले रहे हैं। प्राकृतिक खेती के परिणाम धरातल पर देखने को मिले हैं और इसका लाभ अब हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों के किसानों को दिखाई दे रहा है। यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत राज्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई की बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वह किसान नहीं हैं, लेकिन वह इस कृषि प्रणाली को लंबे समय से बढ़ावा दे रहे हैं। सुभाष पालेकर से भी मुलाकात की थी और उनसे खेती के इस तरीके की जानकारी भी ली। इसे अपनाने से किसान साल भर एक ही समय में एक ही जमीन से अलग-अलग फसलें प्राप्त कर सकते हैं और इस तरह वह पूरे वर्ष व्यस्त रह सकते हैं।

उन्होंने कहा कि देशी गाय की रक्षा के लिए भी यह कृषि पद्धति बहुत महत्वपूर्ण है। इस कृषि पद्धति में पहाड़ी गाय का महत्व समझाया गया है और इसे बढ़ावा देने से गायों का संरक्षण भी संभव होगा। हिमाचल में भूमि जोत बहुत कम है और खेती की इस पद्धति को अपनाने से किसानों को अधिक उपज मिलेगी और लागत भी कम होगी। जनजातीय क्षेत्रों में भी इस खेती को बढ़ावा देने और इसके बारे में जागरूक करने को कहा। कृषि सचिव अजय शर्मा ने राज्यपाल को प्राकृतिक खेती के अलावा किसानों के लाभ के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने भी प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हुई प्रगति और कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यकारी निदेशक डा. राजेश्वर चंदेल ने योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

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