आखिर शिमला जिला परिषद जीत ही गई कांग्रेस
जागरण संवाददाता शिमला आखिर लंबे मंथन के बाद शिमला में कांग्रेस जिला परिषद की सरदारी को
जागरण संवाददाता, शिमला : आखिर लंबे मंथन के बाद शिमला में कांग्रेस जिला परिषद की सरदारी को बचाने में सफल रही। 24 में से 12 सदस्य होने पर भी कांग्रेस संतुष्ट नहीं दिख रही थी। कांग्रेस के राज्य और जिलाध्यक्ष दोनों ही लगातार इस काम में लगे थे। माकपा का समर्थन भी जुटाने के लिए काफी मशक्कत की गई। आखिरकार वीरवार को चंद्र प्रभा नेगी को अध्यक्ष और सुरेंद्र रेटका को उपाध्यक्ष चुना गया।
वीरवार को दूसरी बार चुनाव के लिए तिथि तय की गई थी। नियम के तहत 13 सदस्यों के आने पर ही कोरम पूरा हो सकता था। कांग्रेस समर्थित सदस्य सबसे पहले जिलाध्यक्ष के साथ पहुंच गए। इसके बाद भाजपा समर्थित सदस्य पहुंचे। माकपा समर्थित सदस्य भी पहुंचे। 11 बजे से जिला परिषद के चुनाव के लिए सभी सदस्य बचत भवन में पहुंच गए। यहां पर उपायुक्त आदित्य नेगी, अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन और जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा भी मौजूद रहे। मतदान के बाद परिणाम एक बजे के बाद घोषित किया गया।
कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष के लिए त्याबल वार्ड से जिला परिषद सदस्य चंद्र प्रभा नेगी को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं दूसरी तरफ आजाद चुनाव जीतीं टिक्कर वार्ड से भारती जनारथा को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया। भाजपा के समर्थन से इन्हें प्रत्याशी बनाया गया था। इस चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को 15 तो भाजपा समर्थित प्रत्याशी को नौ मतों पर संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने अढ़ाल वार्ड से सुरेंद्र रेटका को प्रत्याशी बनाया। इनके खिलाफ भाजपा ने आजाद जीते प्रत्याशी केलवी वार्ड के मदन लाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया। इसमें कांग्रेस समर्थित को 17 तो भाजपा समर्थित को सात मत मिले।
जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं उपायुक्त आदित्य नेगी ने रामपुर उपमंडल की त्याबल (ज्यूरी) वार्ड की जिला परिषद सदस्य चंद्र प्रभा नेगी को अध्यक्ष और रोहडू उपमंडल के अढाल वार्ड से जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र रेटका को उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किया। उपायुक्त ने दिलाई दोनों को शपथ
उपायुक्त आदित्य नेगी ने वीरवार को मतदान के बाद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को शपथ भी दिलाई। उन्होंने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित सभी जिला परिषद सदस्यों से अनुरोध किया कि वे सकारात्मक सोच से कार्य करें और बेहतर समन्वय स्थापित कर समावेशी विकास को संबल प्रदान करें।