जिले में फिर शुरू होगा एसीएफ अभियान
जिले में एक बार फिर टीबी की दर पता लगाने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान शुरू होगा।
जागरण संवाददाता, शिमला : जिले में एक बार फिर टीबी की दर पता लगाने के लिए एक्टिव केस फाइंडिग अभियान (एसीएफ) शुरू होगा। जिलेभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के बीच अगस्त में यह अभियान धीमा पड़ गया था लेकिन सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार इसे अब फिर से शुरू किया जाएगा। सामान्य लोगों के साथ जो लोग कोरोना से उभर चुके हैं उनके भी सैंपल लिए जाएंगे। इसमें लंबे समय से खांसी व जुकाम के मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे।
डाक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में टीबी का खतरा बढ़ सकता है। इस आशंका के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से टीबी की जांच करने की अपील की है। जिन लोगों को कोरोना संक्रमण के बाद लंबे समय तक खांसी, जुकाम के लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें टीबी की जांच करवाने को कहा जा रहा है।
जिला निगरानी अधिकारी डा. राकेश भारद्वाज का कहना है कि जिले में अभी तक 25 लोगों में टीबी का संक्रमण पाया गया है। विभाग ने सतर्कता बरतते हुए इसकी जांच बढ़ाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि संक्रमण होने के बाद खांसी, बुखार व जुकाम लंबे समय तक बरकरार रहे और अगर लक्षण न भी नजर आएं तो भी टीबी की जांच अवश्य करवाएं। फेफड़ों को प्रभावित करता कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित करता है और लंबे समय तक संक्रमण बने रहने व खांसी रहने से टीबी की आशंका बढ़ जाती है। एक्टिव केस फाइंडिग अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा आंगनवाड़ी वर्कर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) को शामिल किया जा रहा है जिन्हें अपने इलाके में घर-घर जाकर लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करना होगा। इसके अलावा लक्षण वाले मरीजों के सैंपल लेने का जिम्मा सौंपा जाएगा। टीबी के लक्षण व बचाव
टीबी एक संक्रामक रोग है। टीबी का बैक्टीरिया सांस से फैलता है। यह छींकने या खांसने पर मुंह से निकले कणों से भी फैलता है। तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी में खून आना, सीने में दर्द या सांस लेने व खांसने में दर्द होना, लगातार वजन कम होना, चक्कर आना, रात में पसीना आना, ठंड लगना और भूख न लगना टीबी के लक्षण हैं। टीबी की रोकथाम के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएं। लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी डाक्टर से संपर्क करें। टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बचें। उनका बेड, तौलिया शेयर न करें और एक ही कमरे में न सोएं। मास्क का इस्तेमाल करें। अगर किसी में टीबी की पुष्टि हो जाए तो वे सार्वजनिक जगह पर जाने से बचें।