दोषी अनिल ने सीबीआइ कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती

जिला शिमला के कोटखाई क्षेत्र के बहुचर्चित छात्रा हत्या मामले में दोनों पक्ष प्रदेश हाईकोर्ट पहंचे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:53 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:53 PM (IST)
दोषी अनिल ने सीबीआइ कोर्ट के
फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती
दोषी अनिल ने सीबीआइ कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती

रमेश सिंगटा, शिमला

जिला शिमला के कोटखाई क्षेत्र के बहुचर्चित छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या मामले में दोषी करार अनिल उर्फ नीलू ने सीबीआइ की विशेष अदालत के फैसले को प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उसने अपने वकील के माध्यम से सीबीआइ जांच और सजा दोनों पर सवाल उठाए हैं। अब अपील पर सुनवाई होगी।

इस मामले में दोषी के वकील एमएस ठाकुर ने सवाल उठाया है कि जब संदेह के आधार पर 150 से अधिक लोगों के खून के नमूने एकत्र किए गए थे तो इनमें से किसी और की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। अनिल के केस में 13 अप्रैल 2018 को सुबह जंगल में सीबीआइ ने सैंपल एकत्र किए और शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि तब डीएनए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई थी। इससे लगता है कि सीबीआइ पहले से तय कर चुकी थी कि अनिल को फंसाना है। जंगल में खून के सैंपल लिए गए और पार्सल की सील सीबीआइ ने अपने पास रखी, इससे टैंपरिग की आशंका बढ़ गई। पुलिस की ओर से फारेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) को जो पार्सल भेजे गए, उनमें 10 सील लगाई गई थीं। बाद में प्रयोगशाला में छह ही सील पाई गई। अनिल को 28 अप्रैल को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में दोषी करार दिया गया था। उसे सीबीआइ की विशेष अदालत ने इसी वर्ष जून में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मृतका की मां की याचिका पर 28 अक्टूबर को होगी सुनवाई

इस मामले में मृतका की मां की याचिका पर प्रदेश हाईकोर्ट में 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में सीबीआइ के वकील अंशुल बंसल ने इसकी पुष्टि की है। यह याचिका गत 22 सितंबर को भी लगी लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई थी। पीड़ित पक्ष की याचिका पर 11 बार सुनवाई हो चुकी है।

मृतका की मां की ओर से याचिका के माध्यम से हाइकोर्ट से गुहार लगाई गई है कि मामले की सीबीआइ से दोबारा जांच करवाई जाए। अभी इस याचिका पर फैसला नहीं आया है। मां का मानना है कि दोषी अकेला नहीं हो सकता है। केवल एक व्यक्ति ऐसी घिनौनी हरकत नहीं कर सकता है। सीबीआइ जांच में एक ही व्यक्ति दोषी पाया गया था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। फारेंसिक विशेषज्ञों ने भी माना था कि वारदात में एक से अधिक व्यक्ति संलिप्त हो सकते हैं। कई आधार पर सजा को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट में अपील एडमिट हो गई है। कोर्ट में पक्ष की प्रमुखता से पैरवी की जाएगी।

एसएस ठाकुर, दोषी नीलू के वकील दुष्कर्म एवं हत्या मामले में दोषी अकेला नहीं हो सकता है। इस मामले में अनिल भी शामिल होगा, इससे इन्कार नहीं है। हाईकोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा।

विकास थापटा, सचिव, मदद सेवा ट्रस्ट क्या है मामला

कोटखाई के गांव हलाईला क्षेत्र में 15 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ चार जुलाई 2017 को दुष्कर्म हुआ और फिर हत्या कर दी गई थी। पहले जांच पुलिस ने की। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से सूरज की कोटखाई थाने की हवालात में मौत हो गई थी। इससे जनता सड़क पर उतर आई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। जांच में पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई। सीबीआइ ने सभी आरोपितों को क्लीनचिट दी। बाद में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में चिरानी अनिल को गिरफ्तार किया गया था।

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