59.5 फीसद प्रत्याशियों के एजेंडे में नहीं भ्रष्टाचार का मुद्दा

पंचायत चुनाव के प्रचार पोस्टरों में प्रत्याशी खुद को ईमानदार घोष्ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 07:20 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 07:20 PM (IST)
59.5 फीसद प्रत्याशियों के एजेंडे में नहीं भ्रष्टाचार का मुद्दा
59.5 फीसद प्रत्याशियों के एजेंडे में नहीं भ्रष्टाचार का मुद्दा

जागरण संवाददाता, शिमला : पंचायत चुनाव के प्रचार पोस्टरों में प्रत्याशी खुद को ईमानदार घोषित कर रहे हैं, लेकिन एक सर्वे में 21.6 लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने में उम्मीदवारों की ऐसी कोई मंशा नहीं दिखती। 76 फीसद लोगों का मानना है कि यह बड़ा मुद्दा है। भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए। सर्वे में भ्रष्ट्राचार पर अंकुश लगाने और इस पर विभिन्न तरीकों, जैसे सामाजिक अंकेक्षण और सूचना के अधिकार को बढ़ावा देने का सवाल भी था। 59.5 फीसद प्रत्याशियों ने अपने घोषणापत्र में इस मुद्दे को स्थान तक नहीं दिया है। जो जनता चाहती है, वे प्रत्याशियों की प्राथमिकता तक नहीं है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला से डा. बलदेव नेगी और संजौली कॉलेज से डा. देवेंद्र कुमार शर्मा ने चुनाव में प्रत्याशियों के मुद्दों पर यह सर्वें किया है। इसमें सामने आया है कि महज 40.5 फीसद उम्मीदवारों ने ही ज्वलंत मुद्दों को घोषणापत्र में शामिल किया है। 59.5 फीसद प्रत्याशी ग्रामसभा की मजबूती, मनरेगा, गांव के विकास में आम जन की भागीदारी जैसे अहम मुद्दों को स्थान तक नहीं देते हैं।

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लोगों से पूछे छह सवाल

सर्वे में छह मूल मुद्दों पर सवाल लोगों से किए थे। पहला सवाल पंचायत के विकास में जनता की भागीदारों को लेकर था। 75.4 फीसद लोगों ने माना कि लोगों की भागीदारी से ही बेहतर विकास हो सकता है। उम्मीदवार इसकी बात करते हैं, लेकिन 23.3 फीसद लोगों ने साफ कहा कि ऐसे उम्मीदवार नहीं दिखते। दूसरे सवाल था कि पात्र लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने की बात क्या उम्मीदवार कर रहे हैं। इस पर 65.6 फीसद लोगों ने माना कि ये मुख्य मुद्दा है, लेकिन 15.6 फीसद लोग मानते हैं कि भले ही यह बड़ा मुद्दा है, लेकिन ऐसा कोई उम्मीदवार हमारी पंचायत में नहीं हैं। ग्रामसभाओं को मजबूती प्रदान करने को लेकर पूछे सवाल पर 65.9 फीसद लोगों ने कहा कि प्रत्याशी इसे मुद्दा बता रहे हैं। हालांकि 19.9 फीसद लोग मानते हैं कि वर्तमान उम्मीदवारों के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। मनरेगा और अन्य योजनाओं के बजट का धरातल पर सही तरीके से उपयोग और रोजगार दिलाने पर 82.9 फीसद लोगों ने कहा कि ये मुख्य मुद्दा है, हालांकि 15.2 फीसद उम्मीदवारों में वोटरों को ये योग्यता नहीं दिख रही है।

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320 पंचायतों के 537 लोगों से पूछे सवाल

पंचायती चुनाव पर लोगों की राय जानने के लिए दोनों शिक्षकों ने ऑनलाइन सर्वे किया। प्रदेश के 12 जिलों के 64 खंडों की 320 ग्राम पंचायतों के 537 लोगों ने भाग लिया। इससे पहले पंचायत प्रतिनिधियों पर दो बार सर्वे कर चुके हैं।

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