19 नए उद्योगों को स्वावलंबन योजना के तहत दी मंजूरी

कोरोना काल में भी उद्योग विभाग ने उद्योगों की रफ्तार को कम नहीं होने दिया है। अप्रैल माह में

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 04:38 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 04:38 PM (IST)
19 नए उद्योगों को स्वावलंबन योजना के तहत दी मंजूरी
19 नए उद्योगों को स्वावलंबन योजना के तहत दी मंजूरी

कोरोना काल में भी उद्योग विभाग ने उद्योगों की रफ्तार को कम नहीं होने दिया है। अप्रैल माह में छूट मिलते ही 19 नए उद्योगों के केस को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत मंजूरी प्रदान कर दी गई है, जबकि इससे पहले 2019-20 में 80 केसों को चार करोड़ 47 लाख 36000 की सब्सिडी मुहैया करवाई, जबकि 2018-19 में यह आंकड़ा केवल 70 लाख के करीब था। कोरोना काल में भी उद्योगों को बाहर से सामान लाने ले जाने के लिए ऑनलाइन कार्य को ही तरजीह दी गई है। इसी मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण के मुकेश मेहरा ने मंडी उद्योग विभाग से जरनल मैनेजर ओपी जरियाल से बातचीत की..पेश हैं उसके कुछ अंश.. कोरोना काल में किस तरह की परेशानी आई तथा कैसे काम हुआ?

मार्च माह में जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई हमारी कई योजनाएं और विभागीय कार्रवाई अंतिम चरण में थी। जिले में 3392 उद्योगिक इकाइयां हैं सबमें काम ठप हो गया। हमने दवा उद्योग और खाद्य वस्तुओं के काम में लगे उद्योगों को कुछ राहत देने के लिए बाहर से कच्चा माल मंगवाने के लिए पास बनवाएं यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई। इसमें जिला प्रशासन का हमें बेहतर सहयोग मिला। जिले में कितने बड़े यूनिट कार्य कर रहे हैं?

एमएसएमई की नई गाइडलाइन के अनुसार 50 करोड़ से ऊपर वाले उद्योग बड़े माने जाते हैं, जबकि 10 से 50 करोड़ वाले मीडियम। जिले की बात करें तो यहा केवल एक दवा उद्योग ही है जो मीडियम की रेंज में है इसके अलावा सभी 10 करोड़ से नीचे के स्मॉल उद्योग व एक एक करोड़ से नीचे सुक्षम उद्योग रहते हैं। इससे इन उद्योगों को अपने विस्तार के लिए मिलने वाले लॉन आदि में बेहतर सब्सिडी उनके प्रोजेक्ट के अनुसार मिलती है। सरकार की योजनाओं का कितना लाभ लोगों को मिल रहा?

प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का शानदार परिणाम आया है। हालांकि 2018-19 में इसमें केवल 65 लाख के करीब सब्सिडी 15 उद्योगों को दी गई थी, लेकिन 2019-20 में यह आंकड़ा चार करोड़ 47 लाख पहुंच गया। मार्च माह तक 80 उद्योग स्थापित करने के लिए यह सब्सिडी जारी हुई। यही नहीं कुल 365 केसों में से 122 रद हुए 155 केसों को बैंक से स्वीकृति मिल गई है, जबकि 92 पेंडिग हैं। कोरोना काल के बीच मिली राहत के दौरान 2020-21 की बैठक में 19 केस अप्रूव कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री स्वावलंबन के अलावा प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट आदि के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं। यह योजना काफी कारगर है।

कितनी सब्सिडी का प्रावधान मुख्यमंत्री स्वावलंबन में रहता है?

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उद्यमी के लिए 40 लाख तक के निवेश पर 30 प्रतिशत और युवाओं के लिए 25 प्रतिशत का अनुदान रखा गया है। इसके तहत महिलाओं को 30 प्रतिशत अनुदान और विधवा महिलाओं को 35 प्रतिशत का अनुदान है, हर प्रोजेक्ट में मिलता है। इसके तहत लोग फर्नीचर उद्योग, दुकानें, बेल्डिग वर्कस, सविर्स स्टेशन आदि कारोबार भी स्थापित कर सकते हैं।

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