मंडी में कोरोना से निपटने की तीन स्तरीय व्यवस्था

जागरण संवाददाता मंडी मंडी जिले में वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:23 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:23 PM (IST)
मंडी में कोरोना से निपटने की तीन स्तरीय व्यवस्था
मंडी में कोरोना से निपटने की तीन स्तरीय व्यवस्था

जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी जिले में वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने तीन स्तरीय व्यवस्था की है। इस बार समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र (डीसीएचसी) भी बनाए गए हैं। इनमें कोरोना के मध्यम लक्षण वाले मरीजों का उपचार होगा।

डीसीएचसी, समर्पित कोविड देखभाल केंद्र (डीसीसीसी) व समर्पित कोविड अस्पताल (डीसीएच) में 635 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज व बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर को डीसीएच का दर्जा दिया गया है। दोनों डीसीएच में 160 बिस्तर की व्यवस्था है। इनमें 53 संक्रमित भर्ती हैं। सात स्थानों पर बनाए गए कोविड देखभाल केंद्रों में 300 बिस्तर की व्यवस्था है। अभी पंचायती राज विभाग के सदयाणा केंद्र में 22 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। ये सभी अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। नागरिक अस्पताल रत्ती, मातृ शिशु देखभाल अस्पताल सुंदरनगर व मंडी को डीसीएचसी का दर्जा दिया गया है। तीनों केंद्रों पर 175 बेड की व्यवस्था की गई है। रत्ती डीसीएचसी में 17 संक्रमित भर्ती हैं। 744 संक्रमित होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। डीसीएच में बिस्तर की संख्या 460 तक बढ़ाई जा सकती है। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में गत वर्ष जिले में डीसीएचसी नहीं बनाए गए थे।

नेरचौक मेडिकल कॉलेज को डीसीएच का दर्जा मिलने के 24 घंटे के अंदर यहां कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 15 मरीज दाखिल हो चुके हैं। अन्य जिलों से संक्रमितों को यहां रेफर करने का सिलसिला जारी हो गया है। दो-दो संक्रमित बिलासपुर व हमीरपुर जिले से रेफर होकर यहां आए हैं। कुल्लू जिले के दो संक्रमितों को टांडा मेडिकल कॉलेज से यहां भेजा गया है। नौ मरीज मंडी जिले के हैं। मेडिकल कॉलेज में चार जिलों के संक्रमित भर्ती हो चुके हैं। वीरवार को विधायक राकेश जम्वाल ने डीसीएचसी बनाए गए मातृ शिशु देखभाल अस्पताल सुंदरनगर में तैयारियों का जायजा लिया। जिले में कोरोना के मामले पिछले कुछ दिनों में भले ही बढ़े हैं, लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

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जिले में कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियां पूरी हैं। 635 बिस्तर अलग-अलग केंद्रों में उपलब्ध हैं। आवश्यकता पड़ने पर बेड की क्षमता 460 और बढ़ाई जा सकती है। मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में दो माह बाद फिर से कोरोना संक्रमितों का उपचार शुरू हो गया है।

-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।

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