जोगेंद्रनगर में कुत्तों व बंदरों के हमलों से लोगों में दहशत
उपमंडल जोगेंद्रनगर में लगातार बढ़ रहे कुत्तों व बंदरों के हमले से लोगों में दहशत है।
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : उपमंडल जोगेंद्रनगर में लगातार बढ़ रहे कुत्तों व बंदरों के हमलों से लोगों में फिर दहशत है। बीते 24 घंटे में कुत्तों के हमलों से 14 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं बंदर के हमले में 11 साल के बच्चे की मौत के बाद अब उपमंडल में संबंधित विभाग के खिलाफ आक्रोश है।
वनमंडल में बंदरों से किसान भी परेशान हैं। लोगों के घरों में घुसकर हो रहे बंदरों और कुत्तों के हमले जानलेवा साबित हो रहे हैं। जंगलों से रिहायशी इलाके में बंदरों के आतंक के कारण किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लोगों ने स्थानीय व जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। वनमंडल जोगेंद्रनगर के तहत आने वाले छह वन परिक्षेत्रों में करीब 10 हजार बंदरों ने कोहराम मचा रखा है। इनमें वन परिक्षेत्र जोगेंद्रनगर, लडभड़ोल, धर्मपुर व कमलाह में ही करीब सात हजार बंदर जनता के लिए परेशानी बने हैं। वन परिक्षेत्र उरला और टिक्कन में भी बंदरों के आतंक से किसान व बागवान परेशान हैं। कुत्तों के हमलों का ग्राफ वर्ष 2012 में बढ़ना शुरू हुआ था। बीते 10 साल में करीब दो हजार लोग कुत्तों के हमलों से घायल हुए हैं। जोगेंद्रनगर के नकेहड़ और बस्सी निवासी एक महिला और युवक की रेबीज के कारण मौत को गई। इस साल जनवरी से अगस्त तक 271 लोग कुत्तों के हमलों से घायल हुए हैं। सोमवार को कुत्ते के हमले से चार और लोगों को जोगेंद्रनगर अस्पताल में उपचार दिलाया गया। इनकी पहचान बुद्धि निवासी भडयाड़ा, मनी देवी निवासी बालकरूपी व तारो देवी निवासी लक्ष्मी बाजार जोगेंद्रनगर के रूप में हुई है। वर्मिन घोषित न करने से बढ़ रहे बंदर
माकपा नेता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि समय रहते बंदरों को वर्मिन घोषित न करने से उनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कुत्तों की नसबंदी पर भी प्रशासन ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस कारण कुत्तों के हमलों से लोग घायल हो रहे हैं। बंदरों और कुत्तों के हमलों से घायल लोगों को उचित मुआवजा दिलाने के साथ इस समस्या का समाधान किया जाए। विभागों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश
जोगेंद्रनगर उपमंडल में कुत्तों के हमले और बंदरों के उत्पात से क्षेत्रवासियों को निजात दिलाने के लिए वन विभाग और पशुपालन विभाग को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पशुपालन व वन विभाग की टीम दबिश दे रही है। समस्या का समाधान जल्द होगा। प्रशासन अपने स्तर पर भी नियमानुसार कार्रवाई करेगा जिसमें क्षेत्रवासियों व पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी होगा।
-डा. मेजर विशाल शर्मा, एसडीएम जोगेंद्रनगर।
कुत्तों व बंदरों को पकड़ने के लिए टीमें तैनात
वन और पशुपालन विभाग ने कुत्तों व बंदरों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन कर इन्हें तैनात कर दिया है। लडभड़ोल क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने बंदरों को पकड़ने के लिए जगह-जगह पिजरे लगाए हैं। मंगलवार को वन विभाग जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल के रेंज आफिसर की अगुआई में चंबा से जोगेंद्रनगर पहुंची एक विशेष टीम ने लडभड़ोल क्षेत्र में कई जगह पिजरे लगाए। गोपालपुर स्थित चिड़ियाघर में काबू किए गए बंदरों की नसबंदी की जाएगी। उपमंडलीय पशु चिकित्साधिकारी डा. दीपक वर्मा के नेतृत्व में गठित पशुपालन विभाग की टीम ने कुत्तों की तलाश में कई जगह दबिश दी। नगर परिषद अध्यक्ष ममता कपूर भी पशुपालन विभाग की टीम के साथ रहीं।