एक माह बाद आज खुलेंगे मंदिरों के कपाट, ससुराल लौटेंगी नवविवाहिताएं

मानसून की विदाई व सर्दियों के आगमन का प्रतीक सायर पर्व 16 सितंबर को मंडी जिला में धूमधाम से मनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:31 PM (IST)
एक माह बाद आज खुलेंगे मंदिरों के कपाट, ससुराल लौटेंगी नवविवाहिताएं
एक माह बाद आज खुलेंगे मंदिरों के कपाट, ससुराल लौटेंगी नवविवाहिताएं

संवाद सहयोगी, मंडी : मानसून की विदाई व सर्दियों के आगमन का प्रतीक सायर पर्व 16 सितंबर को मंडी जिला में धूमधाम से मनाया जाएगा। सायर को मौसम के बदलाव के रूप में भी मनाया जाता है। भादों यानी काला महीना समाप्त हो जाएगा। वीरवार को एक महीने से बंद मंदिरों के कपाट खुल जाएंगे। नवविवाहिताएं भी मायके से ससुराल लौट आएंगी।

मान्यता है कि भादों (अश्विन) माह के दौरान देवी, देवता डायनों से युद्ध करने अपने-अपने मंदिरों से एक माह के लिए विदा लेते हैं। इस दौरान देवताओं के समक्ष एक माह तक पूछ अर्थात देवता को अपनी समस्या नहीं बता सकते हैं। सायर पर्व पर यह काला महीना खत्म हो जाता है। देवी देवताओं के रथ मंदिरों में जाएंगे। गूर देवता के माध्यम से देववाणी करेंगे। भादों को काले माह के नाम से भी जाना जाता है। नवविवाहिताएं ससुराल छोड़कर मायके चली जाती हैं जो सायर के दिन ही ससुराल लौटती हैं।

सायर का त्योहार कृषि और पशुपालन से जुड़ा हुआ है। इस दिन अनाज की पूजा भी की जाती है। इस मौसम में होने वाले अनाज धान, मक्की, तिल, पेठा व कद्दू के अलावा अखरोट, गलगल समेत करीब 16 अनाजों की पूजा सायर पर की जाती है। यह पर्व सामाजिक एवं पारिवारिक रिश्तों को सुदृढ़ करता है। सायर पूजन के बाद बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद लिया जाता है। इसे स्थानीय बोली में दूब देना कहते हैं। बुजुर्गो को अखरोट और दूब सौंपते हैं। इसके बाद वह दूब अपने कानों से लगाकर अखरोट वापस कर आशीर्वाद देते हैं। इस बार मंडी जिला में अखरोट की बंपर पैदावार हुई है। बाजार में हर तरफ अखरोट के कारोबारी नजर आ रहे हैं। आज स्थानीय अवकाश

सायर पर्व के लिए मंडी में लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंडी जिला प्रशासन की तरफ से वीरवार को सायर पर्व पर स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।

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