जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम से वंचित गर्भवती महिलाएं

सुंदरनगर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 05:02 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 05:02 PM (IST)
जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम से वंचित गर्भवती महिलाएं
जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम से वंचित गर्भवती महिलाएं

संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : प्रदेश सरकार के जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाएं वंचित होकर रह गई हैं। इस कार्यक्रम के तहत निशुल्क अल्ट्रासोनोग्राफी की सुविधा का प्रावधान रखा गया है, लेकिन नागरिक अस्पताल सुंदरनगर में यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। सरकार की इस सुविधा से सैकड़ों महिलाओं को वंचित रहना पड़ रहा है। अस्पताल में डॉक्टर न होने के कारण दो वर्ष रोगियों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। अल्ट्रासाउंड न हो पाने के कारण खासकर गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों में महंगी दर पर टेस्ट करवाना पड़ रहा है। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ लोगों को इस अस्पताल में चल रही डॉक्टरों की कमी पूरी होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। सिविल अस्पताल उसी हालत में चल रहा है। प्रदेश सरकार यहां आज दिन तक अल्ट्रासाउंड करने के लिए डॉक्टर की तैनाती नहीं कर पाई है।

स्थानीय निवासी भावना, सुनीता देवी, नेहा, अमित, लीलाधर व जितेंद्र ने बताया कि बताया कि यहां सुंदरनगर के अलावा नाचन, करसोग, सरकाघाट विधानसभा क्षेत्रों तक के लोग उपचार करवाने आते हैं, परंतु अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल पा रही है। सुंदरनगर अस्पताल दुर्घटनाओं के लिहाज से अति महत्वपूर्ण अस्पताल है। जोनल अस्पताल मंडी के बाद सुंदरनगर अस्पताल में सबसे अधिक ओपीडी है। इस कारण अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती रहती है।

निशुल्क अल्ट्रासोनोग्राफी का प्रावधान

गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने से लेकर 42 दिन प्रसव के बाद और एक वर्ष तक के शिशुओं के लिए जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया है। इसके तहत अल्ट्रासोनोग्राफी इत्यादि की सुविधा निशुल्क प्रदान करने का प्रावधान रखा है। अगर यह टेस्ट अस्पताल में उपलब्ध नहीं होंगे तो अस्पताल प्रशासन को बाहर से निशुल्क उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना होगा, लेकिन सिविल अस्पताल सुंदरनगर में ऐसा नहीं हो रहा है। गर्भवती महिलाओं को करवाना होता है अल्ट्रासाउंड

अल्ट्रासाउंड किसी विशेष बीमारी के लिए करवाया जाता है, जबकि गर्भवती महिलाओं को गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के लिए अकसर अल्ट्रासाउंड करवाना होता है। सुंदरनगर अस्पताल में मशीन होने के बावजूद महिलाओं को भी निजी अस्पतालों के चक्कर अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए काटने पड़ रहे हैं। वहां नसे मोटी फीस वसूल की जा रही है। इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही इस मामले को लेकर अभी तक गंभीर होती दिख रही है।

डॉक्टर न होने के कारण अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहे हैं। इस बारे में विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।

- डॉ. चमन ठाकुर, प्रभारी सिविल अस्पताल सुंदरनगर।

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