मजदूरों के लाभ जारी न होने पर श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के बाहर होगा प्रदर्शन
संवाद सहयोगी मंडी श्रम संगठन सीटू के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार मनरे
संवाद सहयोगी, मंडी : श्रम संगठन सीटू के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम वेतन 300 रुपये न देकर 203 रुपये देकर भेदभाव व शोषण कर रही है। मंडी में श्रम विभाग के कार्यालय में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत निर्माण व मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण, नवीनीकरण और लाभ स्वीकृत करने का कार्य छह महीने से थम गया है। इस पर सीटू ने श्रम कार्यालय मंडी में अगस्त के प्रथम सप्ताह में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। मजदूर संगठन सीटू की मंडी जिला कमेटी की कामरेड तारा चंद भवन में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि कोविड काल में सरकार ने श्रम कानूनों को बड़ी बड़ी कंपनियों के पक्ष में बदल दिया है। इसलिए मजदूरों और किसानों के संगठन आंदोलन के सात माह पूरा होने के दिन मोदी सरकार के खिलाफ 26 जुलाई से भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया जाएगा। नौ अगस्त तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री नर्सरी अध्यापक लगाने में प्राथमिकता देने, मिड-डे मील वर्कर्स को न्यायालय के फैसले के अनुसार 13 महीनों का वेतन देने, कोविड योद्धा के रूप में काम कर रही स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) का लंबित वेतन जारी कर उन्हें न्यूनतम नौ हजार रुपये मासिक वेतन देने की भी मांग उठाई गई।
नगर निगम मंडी और अन्य नगर पालिका क्षेत्रों में सफाई मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित वेतन और अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फोरलेन, बिजली, जलशक्ति, मनरेगा आउट सोर्स आधार पर काम कर रहे सभी मजदूरों को विभाग में रेगुलर आधार पर नियुक्त करने के लिए पालिसी बनाने तथा 2003 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की मांग की गई। इस मौके पर राजेश शर्मा, गोपेंद्र शर्मा, गुरदास वर्मा, सुरेंद्र कुमार,दीपक कुमार, मनी राम,नरेश कुमार, राजेंद्र शर्मा, सुमित्रा ठाकुर, हमिद्री शर्मा, बिमला शर्मा, माया देवी, सुदर्शना, कांता, आदि मौजूद रहे।