शिवरात्रि में अब एक छत के नीचे ठहरेंगे देवी-देवता

संवाद सहयोगी मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आने वाले देवी-देवताओं व उनके साथ आने

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:55 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:55 PM (IST)
शिवरात्रि में अब एक छत के नीचे ठहरेंगे देवी-देवता
शिवरात्रि में अब एक छत के नीचे ठहरेंगे देवी-देवता

संवाद सहयोगी, मंडी : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आने वाले देवी-देवताओं व उनके साथ आने वाले देवलुओं का कांगणीधार स्थित संस्कृति सदन में ठहराव होगा। एक छत के नीचे सभी देवी-देवता व देवलु नजर आएंगे। संस्कृति सदन का निर्माण कार्य 90 फीसद पूरा हो गया है। ठेकेदार ने दिसंबर तक संस्कृति सदन के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। संभवतया शिवरात्रि मेले से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर संस्कृति सदन का शुभारंभ करेंगे।

भाषा एवं संस्कृति विभाग के संस्कृति सदन का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने फरवरी 2015 में किया था। 18 करोड़ की लागत से बनने वाले संस्कृति सदन को 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इसे कुल्लू में बने देव सदन की तर्ज पर बनाया जा रहा है। इसमें आडिटोरियम और अन्य प्रकार की सुविधाएं भी शामिल की गई हैं। इससे इसका उपयोग सालभर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए किया जा सके। संस्कृति सदन के बनने से मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आने वाले सैकड़ों देवी-देवताओं को एक छत के नीचे ठहरने की सुविधा मिलेगी।

शिवरात्रि महोत्सव में 200 से अधिक पंजीकृत देवी-देवता प्रशासन मेला कमेटी के निमंत्रण पर शामिल होते हैं। देवी-देवता व देवलुओं के रात्रि ठहराव को लेकर इंतजाम न होने की वजह से देवी-देवताओं व देवलुओं को शहर के मंदिर, शिवालयों, धर्म सभाओं व स्कूल परिसरों में ठहराया जाता है। कुछ देवता अपने यजमानों के घरों में भी शिवरात्रि महोत्सव के दौरान रात्रि ठहराव करते हैं। इससे देवी-देवताओं के साथ आने वाले देवलुओं को काफी असुविधाओं का भी सामना करना पड़ता है। संस्कृति सदन के अब धरातल पर उतरने से सभी पंजीकृत देवी-देवता इस बार आयोजित होने वाली शिवरात्रि में संस्कृति सदन में नजर आएंगे। शिवरात्रि महोत्सव से पूर्व संस्कृति सदन का निर्माण कार्य इस साल पूरा कर लिया जाएगा। अब तक नब्बे फीसद कार्य पूरा हो गया है। शेष बचे निर्माण कार्य को जल्दी पूरा कर इसे लोक निर्माण विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

-विजय कपूर, ठेकेदार संस्कृति सदन कांगणीधार।

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