रस्सी, झूले बने जिंदगी का सहारा

हंसराज सैनी मंडी जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों व लोगों के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:26 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:26 PM (IST)
रस्सी, झूले बने जिंदगी का सहारा
रस्सी, झूले बने जिंदगी का सहारा

हंसराज सैनी, मंडी

जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों व लोगों के लिए रस्सी व झूले जिदगी का सहारा बन गए। उदयपुर क्षेत्र में फंसे लोगों को रस्सी व झूले के सहारे रेस्क्यू करने की लाहुल-स्पीति जिला प्रशासन की मुहिम रंग लाई है। प्रशासन ने हेलीकाप्टर का इंतजार करने के बजाय अपने प्रयास जारी रखे और इसमें काफी हद तक सफलता भी हाथ लगी।

हालांकि प्रदेश सरकार ने लाहुल स्पीति प्रशासन को शुक्रवार को ही फंसे हुए लोगों के रेस्क्यू के लिए 17 सीटर हेलीकाप्टर उपलब्ध करवा दिया था, लेकिन मौसम हेलीकाप्टर के लाहुल पहुंचने में बाधा बन गया। रोहतांग दर्रे में छाई घनी धुंध हेलीकाप्टर की राह में रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। प्रशासन ने पहले तो फंसे हुए लोगों को हेलीकाप्टर से एयरलिफ्ट करने का प्लान तैयार किया था। मौसम के मिजाज को देख प्रशासन को अपना प्लान बदलना पड़ा। फंसे हुए 241 लोगों को निकालने के लिए रस्सी, सीढ़ी व झूले पुल का सहारा लेने का निर्णय लिया। शुक्रवार को दमकल विभाग ने शांशा नाले में सीढ़ी व जाहलमा में रस्सी की मदद से करीब 73 लोगों का रेस्क्यू किया था। जाहलमा व शांशा नाला अब भी उफान में है। दोनों नालों में पानी का वेग लोगों को डरा रहा है। सीढ़ी से रेस्क्यू करने में काफी समय लग रहा था। नाला पार करते समय गिरने का खतरा ज्यादा था। शनिवार को प्रशासन ने दोनों नालों पर झूले की व्यवस्था कर लोगों के इस डर को भी दूर कर दिया। झूले के सहारे बच्चों व महिलाओं का रेस्क्यू करने में भी बड़ी मदद मिली।

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