माह तक हवा में तीर चलाती रही जोगेंद्रनगर पुलिस
जागरण संवाददाता मंडी ज्योति की तलाश में जोगेंद्रनगर पुलिस एक माह तक हवा में तीर चलाती र
जागरण संवाददाता, मंडी : ज्योति की तलाश में जोगेंद्रनगर पुलिस एक माह तक हवा में तीर चलाती रही। न तो आरोपित पति से गंभीरता से पूछताछ की और न ही जंगल छाना। जंगल के आसपास सड़क किनारे सर्च अभियान चलाया गया।
घर से करीब आठ किलोमीटर दूर घने जंगल में रात के घुप अंधेरे में ज्योति आखिर कैसे पहुंच गई? रात को पेड़ पर चढ़कर फंदा लगाने के लिए दुपट्टा कैसे बांधा? क्या फंदा लगाने के लिए उसने सुबह तक का इंतजार किया था? इतने घने जंगल में अकसर जंगली जानवर मंडराते रहते हैं। क्या उसे जंगली जानवरों का भी बिलकुल खौफ नहीं था? जंगल में जहां मंगलवार देर शाम ज्योति का शव मिला है वहां तक आसानी से पहुंचना भी संभव नहीं है। अगर ज्योति को आत्महत्या ही करनी थी तो घर से आठ किलोमीटर दूर जाने की क्या जरूरत थी? पुलिस के पास अभी तक इन सब सवालों का कोई जवाब नहीं है। ज्योति पर शक करता था पति
पति शिव कुमार ज्योति पर शक करता था। उससे मोबाइल फोन छीन लिया था। पति-पत्नी एक ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। वह ज्योति को मायके वालों से भी बात नहीं करने देता था। इसी बात को लेकर दोनों में अकसर झगड़ा होता था। आठ अगस्त को आरोपित शिव कुमार का भाई घर से बाहर था। उसके माता-पिता मंडी में थे। गैस पर रखा खाना जलने को लेकर ज्योति और शिव कुमार में तकरार हो गई थी। तैश में आकर शिव कुमार ने ज्योति के साथ मारपीट की थी। पड़ोस की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को दिए बयान में इसकी पुष्टि की है। आरोपित ने माना आठ अगस्त को हुआ था झगड़ा
खुद आरोपित ने भी माना है कि आठ अगस्त की रात झगड़ा हुआ था। रात आठ बजे के आसपास ज्योति घर से निकल गई थी। शिव कुमार ने उसे रात भर ढूंढना उचित नहीं समझा। स्वजन व उसके मायके के लोगों को इस बात की जानकारी अगले दिन सुबह दी थी। ज्योति के पास मोबाइल फोन न होना भी एक माह तक उसका पता न चलने का सबसे बड़ा कारण रहा। पुलिस कई दिन तक ज्योति की तलाश में लगी रही। जहां शव मिला है वहां तक पहुंचना संभव नहीं है। ज्योति घर से इतनी दूर क्यों गई। पुलिस सभी बातों को ध्यान में रखकर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।
-लोकेंद्र नेगी, एसडीपीओ पद्धर।