बारिश रोकने के लिए बड़ादेव के दरबार में किसान-बागवान

सहयोगी गोहर लगातार हो रही बारिश की रोकथाम के लिए किसान-बागवान अब बड़ादेव कमरुनाग क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:46 PM (IST)
बारिश रोकने के लिए बड़ादेव के दरबार में किसान-बागवान
बारिश रोकने के लिए बड़ादेव के दरबार में किसान-बागवान

सहयोगी, गोहर : लगातार हो रही बारिश की रोकथाम के लिए किसान-बागवान अब बड़ादेव कमरुनाग की शरण में पहुंच गए हैं। वीरवार को क्षेत्र के किसान व बागवानों ने धंग्यारा गलू देव स्थल पर पहुंचकर देवता के गूर ठाकर दास ठाकुर ने प्रार्थना कर देव कमरुनाग से बारिश रोकने का आग्रह किया है।

तुलसी राम, हेम सिंह सैनी, अमर सिंह, लुदर चंद, यशवंत, हरीश कुमार, रणजीत सिंह ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से किसानों व बागवानों की फसल खेतों व बगीचों में खराब होने लगी है। अगर बारिश का सिलसिला नहीं थमा तो किसान-बागवानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसान-बागवानों ने भी देव कमरुनाग से बारिश रोकने के लिए प्रार्थना की है।

ऊपरी व मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश सड़कों से लेकर फसलों तक को नुकसान पहुंचा रही है। बारिश के कहर से जहां सड़कों की आवाजाही अवरुद्ध हो रही है। वहीं खेतों में तैयार हो रही आलू, मटर और गोभी की नकदी फसलों पर बर्बाद होने का खतरा मंडरा गया है। किसानों को उनकी नकदी फसलों के उचित दाम पहले ही नहीं मिल रहे है और अब बारिश से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। क्षेत्र के किसानों ने बारिश से फसलों को बचाने के लिए अब बड़ा देव कमरुनाग के मंदिर में पहुंच कर गुहार लगा रहे है। सराज के शिवा खड्ड, शिल्हीबागी, बागाचनोगी, चिउणी तथा जंजैहली के आसपास क्षेत्रों समेत गोहर के कुटाहची, किलिग, गोहर, जहल, देवी दहड़ के क्षेत्रों में फूलगोभी, बंदगोभी, मटर, फ्रासबीन, धनिया की फसल तैयार है और अब बारिश से फसल तथा किसानों की आर्थिकी के लिए खतरा पैदा हो गया है। किसान हेमराज, बलबीर, चेतराम, हुकम चंद, गणेश कुमार, संजीव कुमार, हरीश कुमार, प्रेम सिंह, हेम सिंह ठाकुर आदि ने कहा कि बारिश के कारण किसान फसल को सड़क तक भी नहीं पहुचा पा रहे है। समय रहते फसलों को खेतों से नहीं निकाला गया तो खेतों में ही सड़ जाएगी।

सब्जी मंडी के आढ़तियों महेंद्र पाल, नागेंद्र पाल, प्रेम सिंह, शरण ठाकुर का कहना है कि बारिश से सब्जियों की आमद बहुत कम हो गई है। अगर लगातार हो रही बारिश से कोई राहत नहीं मिली तो नकदी फसलों को नुकसान तो होगा, साथ ही किसानों की आय भी प्रभावित होगी।

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