अस्तित्व खो चुके जल स्रोत पानी से होंगे लबालब

संवाद सहयोगी मंडी मंडी शहर में अनदेखी व अंधाधुंध निर्माण कार्य की जद में अस्तित्व खो चुके प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 03:52 PM (IST)
अस्तित्व खो चुके जल स्रोत पानी से होंगे लबालब
अस्तित्व खो चुके जल स्रोत पानी से होंगे लबालब

संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी शहर में अनदेखी व अंधाधुंध निर्माण कार्य की जद में अस्तित्व खो चुके प्राकृतिक जल स्रोत फिर पानी से लबालब होंगे। नगर निगम ने प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोतों के दिन फिर लौटाने का बीड़ा उठा लिया है। जल शक्ति विभाग की मदद से प्राकृतिक जल स्रोतों का सर्वे अंतिम चरण में पहुंच चुका है। केवल दो वार्ड के प्राकृतिक जल स्रोतों का निरीक्षण करना शेष रह गया है। जलशक्ति विभाग ने अब तक 107 स्रोतों की रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब विभाग के उच्च अधिकारियों को सूची सौंपी जाएगी।

शहर में 50 से 100 मीटर के दायरे में प्राकृतिक पेयजल स्रोत हैं। इनकी बनावट में राजशाही आज भी झलकती है। शहर में शिवा बावड़ी, डिबा बावड़ी, जैंचू नौण, पंडित की बावड़ी, पैहरों की बायं और छाया बायं सहित दो दर्जन बड़े प्राकृतिक जल स्रोत हैं। किसी समय पूरा मंडी शहर इन्हीं प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहता है।

नगर निगम की पहल पर अब जलशक्ति विभाग के सर्वेयर की संयुक्त टीम सर्वे कर रही है। नगर निगम के प्रस्ताव के मुताबिक इन बावड़ियों का जीर्णोद्धार होगा। हालांकि इससे पूर्व इनके पानी के सैंपल की जांच की जाएगी। रिपोर्ट सही पाए जाने पर जलस्त्रोतों को प्राचीन स्वरूप में संवारा जाएगा। बावड़ियों के पास बैठने योग्य स्थान भी तैयार किया जाएगा। जलशक्ति विभाग एस्टीमेट तैयार कर इसे नगर निगम को सौंपेगा। इसके बाद नगर निगम बजट उपलब्ध करवाएगा। निर्माण कार्य के दौरान पानी के मूल स्रोत के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। स्त्रोत की सुरक्षा के लिए नालियों आदि का निर्माण किया जाएगा।

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अभी तक शहर में 107 प्राकृतिक जल स्रोतों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। वार्ड नौ व सन्यारढ़ वार्ड में अभी जल स्रोतों का सर्वे कार्य किया जाना बाकी है।

-कुलदीप कुमार, सर्वेयर, जलशक्ति विभाग

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नगर निगम में प्राकृतिक जल स्त्रोतों के फिर से दिन बहुरेंगे। जल स्त्रोतों की साफ सफाई के अलावा अन्य मरम्मत कार्य किया जाएगा। जलशक्ति विभाग की टीम जल स्त्रोतों के सर्वे का कार्य कर रही है। जल स्त्रोतों के निकट बैठने के लिए बैंच या शालिका का निर्माण भी किया जाएगा।

-वीरेंद्र शर्मा, डिप्टी मेयर, नगर निगम, मंडी।

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