RTI: जेएनयू प्रशासन को पता नहीं किस देश के पढ़ रहे 82 विद्यार्थी

JNU. 82 छात्र ऐसे हैं उनकी राष्ट्रीयता को जेएनयू प्रशासन ने नॉट अवेलबल बताया है अर्थाथ उनकी राष्ट्रीयता की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 03:57 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 07:00 PM (IST)
RTI: जेएनयू प्रशासन को पता नहीं किस देश के पढ़ रहे 82 विद्यार्थी
RTI: जेएनयू प्रशासन को पता नहीं किस देश के पढ़ रहे 82 विद्यार्थी

मंडी, जागरण संवाददाता। JNUजवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) दिल्ली में 82 छात्र किस देश से हैं। उनकी राष्ट्रीयता क्या है? जेएनयू प्रशासन के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह छात्र विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी, एमफिल समेत 41 विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आइआइटी मंडी के पूर्व कर्मचारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत जेएनयू प्रशासन विभिन्न पाठ्यक्रमों में पंजीकृत देश-विदेश के छात्र-छात्राओं की संख्या को लेकर जानकारी मांगी थी।

जेएनयू प्रशासन की तरफ से जो जानकारी मिली वह काफी चौंकाने वाली थी। मानसून सत्र 2019 व शरद सत्र 2020 में 301 विदेशी छात्रों का विश्वविद्यालय के 78 विभिन्न पाठ्यकर्मों में पंजीकरण हुआ है। 301 छात्रों में से 219 छात्र तो 47 अलग-अलग देशों से आए हैं। इनमें कोरिया, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, सीरिया, चीन, जर्मनी व नेपाल आदि देश हैं। 82 छात्र ऐसे हैं, उनकी राष्ट्रीयता को जेएनयू प्रशासन ने नॉट अवेलबल बताया है अर्थाथ उनकी राष्ट्रीयता की जानकारी उपलब्ध नहीं है। छात्र किस-किस पाठ्यक्रम में पढ़ रहे हैं, अलबत्ता इसकी सूचना जेएनयू प्रशासन के पास जरूर है। राष्ट्रीयता का कोई रिकॉर्ड नहीं है। 82 छात्र विभिन्न 41 पाठ्यकर्मों में पढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा नौ विद्यार्थी एमए सोशियोलॉजी में पढ़ रहे हैं। अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में पढ़ने वाले छात्रों का प्रतिशत कुल पढ़ने वाले छात्रों के प्रतिशत से बहुत कम है।

विश्वविद्यालय के सभी पांच प्रोग्राम एमफिल, पीएचडी, पोस्टग्रेजुएट,अंडर ग्रेजुएट, पार्टटाइम एमटेक, एमफिल के विद्यार्थियों की कुल संख्या 8805 है। इसमें मात्र 1264 विद्यार्थी ही अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में अध्यनरत हैं। जो कुल छात्रों की संख्या का मात्र 14.35 प्रतिशत है। एमफिल व पीएचडी में 4251 विद्यार्थी अध्यनरत हैं।

सुजीत स्वामी का कहना है केंद्र सरकार को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए। जेएनयू के कई छात्र देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसको लेकर जेएनयू प्रशासन पर सवाल तो उठते रहे हैं कि देश की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गया है।

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