प्रदूषण मुक्त होगी रिवालसर झील
संवाद सहयोगी मंडी रिवालसर झील प्रदूषण मुक्त होगी। सेप्टिक टैंक से होने वाला रिसाव अब झ
संवाद सहयोगी, मंडी : रिवालसर झील प्रदूषण मुक्त होगी। सेप्टिक टैंक से होने वाला रिसाव अब झील तक नहीं पहुंचेगा। नगर पंचायत रिवालसर के तहत आने वाले घर व संस्थान सीवरेज सुविधा से जुड़ेंगे।
मुख्य पाइपलाइन बिछान व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में बाधा बन रही 0.74 हेक्टेयर वन भूमि को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। झील से गाद वैज्ञानिक तरीके से निकालने के लिए वन विभाग ने डेढ़ करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजा है।
रिवालसर झील में मछलियां मरने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसकी वजह झील में प्रदूषण का बढ़ना पाया गया है। कस्बे में सेप्टिक टैंक से रिसाव से सीवर की गंदगी झील में प्रदूषण को बढ़ा रही है। अब कस्बे के सीवरेज सुविधा से जुड़ने के बाद लोगों के घरों से निकलने वाला सीवर अलग-अलग चैंबर के माध्यम से चलाहर में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचेगा। रिवालसर कस्बे के 740 मकान व व्यापारिक संस्थान सीवरेज सुविधा से जुड़ेंगे।
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तीन धर्मों के लोगों की आस्था
रिवालसर कस्बा हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के लिए धार्मिक स्थान है। झील की परिधि के साथ हिदू, बौद्ध और सिख मंदिर मौजूद हैं। किंवदंती है कि महान शिक्षक एवं विद्वान पद्मसंभव ने तिब्बत को रिवालसर से उड़ान भरने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग किया। यह भी माना जाता है कि ऋषि लोमश ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां तपस्या की थी। यहां स्थित गुरुद्वारा सिखों दसवें गुरु, गुरु गोबिद सिंह से जुड़ा हुआ है। उन्होंने पहाड़ के राजाओं को मुगलों के खिलाफ एकजुट होने के लिए इस स्थान पर बुलाया था
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नगर पंचायत करती है सफाई
रिवालसर झील को वेटलैंड घोषित किया गया है। इसका रखरखाव हिमाचल काउंसिल फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट करती है। वन विभाग के पास वेटलैंड की सफाई के लिए बजट का अभाव है। नगर पंचायत रिवालसर स्वयंसेवियों व अपने कर्मचारियों से झील की सफाई करवाती है।
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रिवालसर कस्बे में सीवरेज की मुख्य पाइपलाइन बिछाने का 25 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया है। पाइपलाइन बिछाने के कार्य से कई बार पेयजल योजना की पाइप को नुकसान पहुंचने से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है इसलिए इन दिनों कार्य की गति धीमी है।
-मान सिंह भारती, सहायक अभियंता जलशक्ति विभाग।