मंडी नगर निगम बनने का रास्ता साफ
जागरण संवाददाता मंडी प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी को सरकार ने नगर निगम क
जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी को सरकार ने नगर निगम का दर्जा प्रदान कर दिया है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं हुई है।
19 अगस्त को शहरी विकास विभाग की तरफ से राज्य निर्वाचन आयोग को लिखी गई चिट्ठी व उसके जवाब में आयोग द्वारा नगर परिषद मंडी की आरक्षण एवं रोटेशन प्रक्रिया पर रोक लगाने से नगर निगम का रास्ता साफ हो गया है। करीब 11 साल पहले छोटी काशी को नगर निगम बनाने का सपना अब साकार होता दिखाई दे रहा है।
गत दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार नगर परिषद मंडी को अपग्रेड कर इसे नगर निगम का दर्जा दिए जाने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर चुकी है। अब राज्य निर्वाचन आयोग ने इस पर मुहर लगा दी है। नगर निगम बनने के बाद छोटी काशी को स्मार्ट सिटी में शामिल करने की कवायद को भी बल मिलेगा। सीटों के आरक्षण व रोटेशन को लेकर 29 अगस्त को ड्रा रखा गया था। अब इस पर रोक लगा दी गई है।
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सरकार ने आबादी की शर्त में दी थी छूट
नगर निगम गठन के लिए 50 हजार आबादी जरूरी है, मगर सरकार ने इसमें छूट देते हुए सीमा 40 हजार कर दी थी। शहर व प्लानिंग क्षेत्र को मिलाकर आबादी की यह शर्त पूरी हो जाती है। 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी 26000 व प्लानिग क्षेत्र की 10600 है।
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3000 की आबादी पर बनेगा एक वार्ड
नगर निगम का गठन होने पर तीन हजार की आबादी पर एक वार्ड बनेगा। नगर परिषद में 13 वार्ड थे। वार्डों की संख्या 19 हो सकती है।
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विकास कार्यों मिलेगी गति : भाजपा
सदर मंडल भाजपा ने नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई है। मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर ने कहा कि वर्षो से नगर परिषद को नगर निगम बनाने की कवायद चल रही थी। किसी कारणवश पूरी न हो सकी। जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंडी की जनता को मांग पूरी होने का भरोसा था। आने वाले समय में मंडी शहर का स्मार्ट सिटी बनने का सपना भी सच होगा।
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राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना मिली है। नगर परिषद के पदाधिकारियों व अधिकारियों को इससे अवगत करवा दिया गया है। आरक्षण एवं रोटेशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।
-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी