घटासनी में बिना आंख वाला का चूजा
सनी गांव का है। ग्रामीण रमेश चंद की मुर्गी ने दस चूजे हुए। इनमें से एक बिना आंख का है। रमेश का कहना है कि उन्होंने मुर्गी के नीचे बारह अंडे रखे हुए थे जिसमें दो अंडे खराब हो गए। दस चूजे तैयार हुए हैं। इनमें से एक की आंखें नहीं हैं। तीन दिन का यह चूजा हालांकि दाना चोकर ठीक खाता है लेकिन इसे हाथ मे लेकर दाना खिलाना पड़ता है। चलता भी है लेकिन दिखाई कुछ नहीं देता। इसलिए इसे अन्य चूजों से अलग कमरे में ही रखना पड़ता है। पानी भी हाथ
सहयोगी, पद्धर : बिना पूंछ के बछड़ा, एक आंख वाला मुर्गा तो पहले सुना था, अब बिना आंखों का चूजा पैदा हुआ है। मामला पद्धर उपमंडल की ग्राम पंचायत जिल्हण के लखवाण घटासनी गांव का है। ग्रामीण रमेश चंद का कहना है कि उन्होंने मुर्गी के नीचे बारह अंडे रखे थे, जिसमें दो अंडे खराब हो गए। दस चूजे तैयार हुए हैं। इनमें से एक की आंखें नहीं हैं। तीन दिन के इस चूजे को हाथ पर रखकर दाना चोकर खिलाना पड़ता है। इसे अन्य चूजों से अलग कमरे में ही रखा जा रहा है। रमेश चंद का कहना है कि कुदरत ने इसे ऐसा कैसे तैयार किया। ये सवाल बार बार मन में आ रहा है। उधर, इस बारे पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. विशाल ने बताया कि चूजे की जांच के बाद ही कहा जा सकता है कि इसकी आंखें क्यों नहीं है। कई बार कुछ अंग विकसित नहीं होते है।