गड्ढों में गुम हुई सड़कें

जागरण संवाददाता मंडी मंडी जिले की ज्यादातर सड़कें गड्ढों में गुम हो गई हैं। सड़क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:23 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:23 PM (IST)
गड्ढों में गुम हुई सड़कें
गड्ढों में गुम हुई सड़कें

जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी जिले की ज्यादातर सड़कें गड्ढों में गुम हो गई हैं। सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क, यही पता नहीं चलता। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के चार साल बाद भी हालात नहीं बदले हैं। जनता गड्ढों से मिल रहे दर्द से कहरा रही है, लेकिन कागजी घोड़े दौड़ाने वालों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

सरकार के आदेश भी इन गड्ढों में गुम हो गए हैं। दूरदराज की बात छोड़ दें, जिला मुख्यालय में भी प्रशासन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के आगे बेबस है। गड्ढों से सबसे ज्यादा दयनीय हालत मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग की है। रही सही कसर सात मील व संदली मोड़ में दरक रहे पड़ाह पूरी कर रहे हैं। रोजाना घंटों यातायात बाधित होना यहां आम बात हो गई है। इससे किसान व बागवानों की कमर टूट गई है। उत्पाद मंडियों तक पहुंचाना पहाड़ जैसी चुनौती बन गया है। गड्ढों से वाहनों को नुकसान पहुंच रहा है। लोगों की जेब ढीली हो रही है। सुहाने सफर के सपने यहां बेमानी लग रहे हैं। फोरलेन निर्माण कार्य की आड़ में लोगों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है। मंडी से पंडोह तक राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत दयनीय है। 15 किलोमीटर का सफर तय करने में दो से ढाई घंटे का समय लग रहा है। भ्यूली चौक, पड्डल गुरुद्वारा, पेट्रोल पंप, आइटीआइ चौक, पुराने सुकेती पुल, बाईपास व पुलघराट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत कई माह से दयनीय है। गड्ढों की भरमार है। टारिग व पैचवर्क तो दूर की बात रही गड्ढें भरना भी उचित नहीं समझा जा रहा है। नगर निगम की नेला वार्ड में नेला व मझवाड़ को जोड़ने वाली सड़क की हालत खस्ता है। शहर के गांधी चौक के पास महाजन बाजार को जोड़ने वाले मार्ग पर गड्ढों का साम्राज्य है।

पुलघराट के पास तो लोगों को जान जोखिम में डाल सफर करना पड़ रहा है। आटो मोबाइल नगरी गुटकर में रोजाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। यहां प्रदेश के कई जिलों से लोग वाहन खरीदने पहुंचते हैं। सरकार की झोली में रोजाना लाखों रुपये का राजस्व आटो नगरी से जाता है। यहां भी राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाली के आंसू बहा रहा है। बल्ह घाटी के डडौर चौक में राजमार्ग की हालत बद से बदतर हो चुकी है। कंसा चौक-कुम्मी संपर्क मार्ग पर गड्ढों व कीचड़ का बोलबाला है। लोगों का इन मार्गों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। केस स्टडी

सुंदरनगर से मंडी की दूरी मात्र 28 किलोमीटर है। कार में यह सफर तय करने में डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। पूरे मार्ग पर गड्ढों की भरमार है। गड्ढों की वजह से वाहनों को भारी क्षति पहुंच रही है। बार-बार मरम्मत करवाना पड़ रही है। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।

-सुनील कुमार, निवासी सुंदरनगर। सात, नौ मील व संदली मोड़ में रोजाना पहाड़ दकरने से यातायात बाधित हो रहा है। इससे समय पर अन्य राज्यों की मंडियों में सब्जी व फलों की खेप पहुंचाने में परेशानी आ रही है।

-मोहर सिंह, जीप चालक बालीचौकी। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जिले के लोगों को कई सब्जबाग दिखाए थे। चार साल में धरातल पर कुछ नहीं हुआ। डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। सड़कों की हालत दयनीय हो चुकी है।

-कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता। बरसात की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खराब हुई है। यह बात सच है। सरकार ने फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को युद्धस्तर पर गड्ढों को भरने के निर्देश दिए हैं।

-रणवीर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष मंडी।

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