डाटा कम, ऑनलाइन कैसे हो जमाबंदी व रिकॉर्ड

राजस्व विभाग की ऑनलाइन व्यवस्था लोगों के साथ कर्मचारियों पर भी भारी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 03:32 PM (IST)
डाटा कम, ऑनलाइन कैसे हो जमाबंदी व रिकॉर्ड
डाटा कम, ऑनलाइन कैसे हो जमाबंदी व रिकॉर्ड

मुकेश मेहरा, मंडी

राजस्व विभाग की ऑनलाइन व्यवस्था लोगों के साथ कर्मचारियों पर भी भारी पड़ रही है। जमाबंदी से लेकर तकसीम सहित सारे कार्य ऑनलाइन करने के आदेश के बाद कर्मचारी इसे अंजाम तो दे रहे हैं लेकिन उन्हें मिलने वाला कम डाटा इसमें रोड़ा बन गया है।

राजस्व विभाग में पटवारियों सहित अन्य कर्मचारियों को विभाग दो जीबी डाटा प्रतिदिन उपलब्ध करवाता है। इसी के सहारे उन्हें सभी दस्तावेज जैसे जमाबंदी, तकसीम, नक्शे, प्रमाणपत्र आदि ऑनलाइन दर्ज करने पड़ते हैं। जमाबंदी करने में डाटा सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। डाटा कब खत्म हो जाए, इसका पता नहीं चलता है। पटवारियों को या तो अपने मोबाइल फोन से इंटरनेट इस्तेमाल करना पड़ता है या काम रुक जाता है। पटवारियों को दिए गए लैपटॉप भी दो से तीन साल पुराने हैं जो बीच-बीच में हैंग हो जाते हैं। जमाबंदी की फाइलें काफी बड़ी होती हैं। इन्हें अपलोड करते समय काफी ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि जरा सी गड़बड़ हो जाए तो मामला बिगड़ जाता है। ऐसे में रिकॉर्ड अपलोड न होने के कारण लोगों के काम लटक रहे हैं। मोबाइल फोन से काम कर रहे कानूनगो

पटवारियों की ओर से जो दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं, उन्हें कानूनगो अप्रवू करते हैं लेकिन उनके पास लैपटॉप की व्यवस्था नहीं है। कानूनगो यह काम मोबाइल फोन पर कर रहे हैं। अगर वे टुयर पर हों और मोबाइल फोन सिग्नल की दिक्कत हो तो समस्या बढ़ जाती है। पटवारियों के दो पद रिक्त

मंडी सर्कल में पटवारियों के 25 पदों में से दो पद रिक्त हैं। ये पद मनियाणा व बाढागुमाणु पटवार सर्कल में रिक्त हैं। इनका काम आसपास के पटवारी संभाल रहे हैं।

--------------- प्रशासन से मांग है कि पटवारियों को मिलने वाले दो जीबी डाटा को अनलिमिटेड कर दिया जाए ताकि दस्तावेजों को अपलोड करने में दिक्कत न हो। इससे समय बचेगा और लोगों के काम भी समय पर होंगे।

दीनानाथ, प्रधान, पटवारी संघ सदर मंडी।

------------ यह महत्वपूर्ण पहलू हैं। इस मुद्दे को राजस्व विभाग की आगामी बैठक में उठाया जाएगा ताकि कर्मचारियों को काम करने में दिक्कत न हो।

जतिन लाल, एडीसी, मंडी।

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