जमीन तो गई, रोजगार भी नहीं मिला

जिला कुल्लू की सैंज घाटी की पार्वती दो व तीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में जमीन देने वालों को अभी तक न्याय नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:21 PM (IST)
जमीन तो गई, रोजगार भी नहीं मिला
जमीन तो गई, रोजगार भी नहीं मिला

सपना शर्मा, सैंज

जिला कुल्लू की सैंज घाटी की पार्वती दो व तीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले प्रभावित-विस्थापित परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। 23 वर्ष बाद भी इन प्रभावित व विस्थापित परिवारों को न तो रोजगार मिला है और न ही वादे के मुताबिक अन्य सुविधाएं जिनमें प्रदूषण से होने वाले नुकसान का एक फीसद मुआवजा भी शामिल है।

1998 से लेकर आज तक परियोजना प्रभावित व विस्थापित 606 परिवार रोजगार व अपने हक के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लोगों ने इस उम्मीद से उपजाऊ जमीन, घर, घराट तथा पुश्तैनी घासनियां तक परियोजना निर्माण के लिए दी कि वादे के मुताबिक उन्हें रोजगार व उचित मुआवजा मिलेगा लेकिन हालात जस के तस हैं। इन परियोजनाओं से सरकार व परियोजना प्रबंधन को हर साल करोड़ों का फायदा हो रहा है, लेकिन प्रभावित-विस्थापितों को सिर्फ आश्वासन। लोगों के अनुसार, कई सरकारें आई व गई लेकिन किसी ने भी उनकी दिक्कतों का समाधान करने की दिशा में कदम नहीं उठाया। उन्होंने मांग कि है उन्हें हक दिया जाए, ताकि परिवार का पालन-पोषण सही तरीके से कर सकें।

2006 में एक करार हुआ था, जिसमें जिन परिवारों की जमीन परियोजना में लगी थी और उनके पास पांच बीघा से कम भूमि बची थी उन्हें भूमिहीन माना गया था। ऐसे 606 परिवार में से 98 परिवार पूरी तरह से भूमिहीन थे, जिनमें से 33 लोगों को कांग्रेस कार्यकाल में रोजगार मिला है और 65 को अभी तक नहीं।

परियोजना प्रभावित-विस्थापित स्थानीय लोगों की रोजी रोटी का साधन व पारंपरिक कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हमें हमारा हक नहीं मिल रहा है।

-सुरेश कुमार, सैंज प्रभावित-विस्थापित परिवारों को 23 सालों में न ही तो स्थायी रोजगार मिला और न ही वादे के मुताबिक उचित मुआवजा। कांग्रेस-भाजपा जब भी सत्ता में आई हमेशा आश्वासन ही मिले।

-लूदर चंद, सैंज प्रभावित-विस्थापितों का हमेशा ही सत्तासीन सरकारों ने शोषण किया है। चुनाव के नजदीक आते ही दोनों राजनीतिक दल हमें विश्वास और झूठे वादे करते हैं, लेकिन चुनाव होते ही सब भूल जाते हैं।

-गिरधारी लाल, सैंज पूर्व में रही कांग्रेस सरकार ने हालांकि 33 विस्थापित-प्रभावितों को रोजगार मुहैया करवाया था, लेकिन उसके बाद किसी ने भी हमारी दिक्कतों को हल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

-दिवेश शर्मा, उपाध्यक्ष प्रभावित-विस्थापित संघ सैंज यदि जनता मौका देती है तो प्रभावित-विस्थापितों के हकों की आवाज को प्राथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा और उसको हल करवाया जाएगा।

-खुशाल ठाकुर, भाजपा प्रत्याशी मंडी संसदीय क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में कुछ प्रभावित-विस्थापितों को रोजगार दिलवाकर राहत दी थी। यदि मुझे मौका मिलता है तो सभी को उनका हक दिलवाया जाएगा।

-प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी मंडी संसदीय क्षेत्र

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