शानन परियोजना वापस लेने के लिए अब होगी निर्णायक जंग

संवाद सहयोगी मंडी हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा कि सालाना क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:42 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:42 PM (IST)
शानन परियोजना वापस लेने के लिए अब होगी निर्णायक जंग
शानन परियोजना वापस लेने के लिए अब होगी निर्णायक जंग

संवाद सहयोगी, मंडी : हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा कि सालाना करीब तीन अरब की बिजली तैयार करने वाले शानन विद्युत प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार से वापस लेने के लिए हिमाचल सरकार गंभीर नहीं है। इस कमाऊपूत पन बिजली परियोजना को हिमाचल को वापस दिलाने के लिए हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। मोर्चा ने इसके लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है। पंजाब सरकार तीन माह में परियोजना को वापस हिमाचल सरकार को अगर नहीं सौंपती है तो हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा परियोजना परिसर में धरना प्रदर्शन करेगा।

हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कभी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। 1926 में शुरू हुई 48 मेगावाट शानन बिजली परियोजना की वर्तमान में अधिकतर अन्य संसाधन जर्जर हालत में हैं। मंडी रियासत के तत्कालीन राजा जोगेंद्र सेन ने मंडी रियासत के हक की लड़ाई लड़ी थी। प्रोजेक्ट का संचालन पंजाब सरकार से छीन कर अब केंद्र सरकार के कब्जे में आ गया है। प्रोजेक्ट के निर्माण के समय मंडी रियासत को तीन फीसद बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था। कुछ समय तक मंडी रियासत को मुफ्त बिजली हासिल हुई। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इससे हाथ पीछे खींच लिए। शुरू में परियोजना की 48 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता थी, बाद में इसकी क्षमता को 110 मेगावाट कर दिया गया। उस हिसाब से मंडी का 18 से 20 फीसद मुफ्त बिजली का हक बनता है।

लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा कि ब्यास सतलुज लिक परियोजना में प्रदेश की हिस्सेदारी में भी कई विसंगतियां हैं। इस बारे में भी हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा लड़ाई लड़ेगा।

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