दशहरा उत्सव से पर्यटन कारोबारियों को आस
संवाद सहयोगी कुल्लू पर्यटन कारोबारियों को अब अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव से आस है। इस
संवाद सहयोगी, कुल्लू : पर्यटन कारोबारियों को अब अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव से आस है। इस बार प्रशासन ने देवताओं को बुलाने की तैयारी की है लेकिन इसका फैसला सोमवार को होने वाली बैठक में होगा। अगर दशहरा उत्सव मनाया जाता है तो दो वर्ष से हो रहे नुकसान की भरपाई होगी। दशहरा उत्सव से कुल्लू के स्थायी दुकानदारों, होटल संचालकों, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिग, टैक्सी आपरेटर, आटो-रिक्शा चालक, रेहड़ी-फड़ी सहित लोगों को उम्मीद बंधी है। कारोबारियों का कहना है कि दो वर्षो से कोरोना पीछा नहीं छोड़ रहा है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर की चिता भी है, लेकिन अभी तक जिला कुल्लू में कोरोना के न के बराबर मामले हैं। ऐसे में दशहरा उत्सव मनाया जाना चाहिए।
दशहरा उत्सव का स्वरूप 21 सितंबर की बैठक में तय होगा। इसमें सभी पंजीकृत 300 देवी देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा या नहीं इस पर भी फैसला होगा।
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17 अक्टूबर को होगा कुष्ठू काहिका
15 अक्टूबर से दशहरा उत्सव शुरू होगा। इसमें तीसरे दिन ढालपुर मैदान में शुद्धि के लिए कुष्ठू काहिका करवाया जाएगा। जुलाई में नग्गर में हुई जगती में देवी-देवताओं ने काहिका करने के आदेश दिए थे। इस दौरान महिला नड़ द्वारा कुष्ठू काहिका की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। पिछले दशहरा उत्सव में देवधुन बजाने, देवी देवताओं को न बुलाने, देवी देवताओं की थड़ियों को हटाने सहित नराज देवी-देवताओं के लिए शुद्धि करवाई जाएगी।
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दशहरा उत्सव के तीसरे दिन काहिका होगा। इस दिन शुद्धि करवाई जाएगी और दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा होगी।
-महेश्वर सिंह, छड़ीबरदार भगवान रघुनाथ।
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दशहरा उत्सव को लेकर 21 सितंबर को बैठक है। उसमें दशहरा उत्सव को लेकर पूरी रूप रेखा तैयार की जाएगी। इसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा उसी आधार पर दशहरा उत्सव मनाया जाएगा।
-आशुतोष गर्ग, उपायुक्त, कुल्लू।