सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में शिशुओं को मिल रहा बेहतर उपचार

संवाद सहयोगी जोगेंद्रनगर जोगेंद्रनगर सिविल अस्पताल में नवजात शिशुओं की गंभीर बीमारी का उ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:02 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:02 PM (IST)
सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में 
शिशुओं को मिल रहा बेहतर उपचार
सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में शिशुओं को मिल रहा बेहतर उपचार

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : जोगेंद्रनगर सिविल अस्पताल में नवजात शिशुओं की गंभीर बीमारी का उचित उपचार हो रहा है। दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती यहां की गई है। किडनी, अस्थमा, निमोनिया, अनीमिया और अर्थराइड्स जैसे गंभीर रोगों का उपचार भी दो विशेषज्ञ चिकित्सक कर रहे हैं।

सवा लाख की आबादी वाले उपमंडल जोगेंद्रनगर अस्पताल में प्रसव के बाद बीमार नवजात शिशुओं को पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए हीटर थर्मर रेडियेंट की सुविधा भी उपलब्ध करवा दी गई है। न्यू बोर्न केयर यूनिट भी स्थापित किया गया है जहां पर अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इस यूनिट में जन्म से 28 दिन के बच्चों का उपचार किया जाता है। इसके अलावा फोटो थैरेपी यूनिट, वेंटिलेटर सहित कई प्रकार की आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध है। एक वार्ड में प्रसूति विभाग भी स्थापित किया गया है।

वहीं नवजात शिशुओं को दाखिल करने के लिए अलग से शिशु वार्ड भी बनाया गया है। हैपेटाइटस बी व पीलिया जैसी गंभीर बीमारी के उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। पोलिग के एक माह के बच्चे की लौटाई सांसे

चौहार घाटी के दुर्गम क्षेत्र पोलिग गांव के एक माह के बच्चे लोकेश को सांस की दिक्कत आई थी। पल्स रेट भी काफी गिर चुका था। माता पिता अपने एक माह के बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चितित थे। लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने बेहतर उपचार दिलाकर उसकी सांसे लौटाई जिसके लिए माता संजना व पिता कुलदीप ने अस्पताल के दोनों चिकित्सकों का आभार जताया। अस्पताल में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए सुविधाओं का विस्तार किया गया है। यहां जन्म से 28 दिन तक के बच्चे को भी बेहतर उपचार मिल रहा है। प्रसव के बाद गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल से बाहर की दौड़ लगभग समाप्त कर दी गई है।

डा. देवेंद्र, मुख्य चिकित्साधिकारी जिला मंडी।

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