नौकरी नहीं तो प्रशिक्षण संस्थानों को बंद करे सरकार
जेबीटी पदों के लिए बीएड धारकों को पात्र बनाए जाने के फैसले के बाद जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन मंगलवार को जारी रहा।
जागरण टीम, मंडी/कुल्लू : जेबीटी पदों के लिए बीएड धारकों को पात्र बनाए जाने के फैसले के बाद जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन जारी है। दूसरे दिन मंगलवार को भी जिलेभर के कालेजों के जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। मंडी के सेरी चानणी में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने नारेबाजी कर रोष जताया। जेबीटी प्रशिक्षु संघ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से शिमला में मिलकर पक्ष रखा। वहीं कुल्लू में बेरोजगार जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षु संघ ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कक्षाओं का बहिष्कार किया।
भुंतर स्थित जरड़ शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सहित गड़सा व शाढ़ाबाई में भी जेबीटी व डीएलएड प्रशिक्षु मांगों को लेकर संस्थानों के बाहर धरने पर बैठे रहे। जेबीटी द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु हितश्वेर ने बताया कि कक्षा एक से पांचवीं के लिए बीएड धारकों को भर्ती करना तर्कसंगत नहीं है। अभी तो कक्षाओं का बहिष्कार किया है अगर शीघ्र उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो प्रदर्शन और भी उग्र किया जाएगा। --------------
अन्य प्रदेशों में जिस तरह जेबीटी को प्राथमिकता दी गई है उसी तर्ज पर हिमाचल में भी तरजीह मिलनी चाहिए। सरकार को उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में जेबीटी का पक्ष मजबूती से रखना चाहिए।
-शिवनी, जेबीटी प्रशिक्षु।
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अगर जेबीटी के पदों पर बीएड धारक पात्र किए गए, तब जेबीटी का प्रशिक्षण हासिल करने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। इसलिए सरकार को जेबीटी के पक्ष में दोबारा याचिका दायर करनी चाहिए और तथ्यों के साथ पक्ष रखना चाहिए।
-नेहा, प्रशिक्षु छात्रा।
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प्रशिक्षण हासिल करने के बाद नौकरी के अवसर खत्म हो जाएंगे। क्योंकि प्रदेश में बीएड धारक ही जेबीटी के पदों पर नियुक्त हो जाएंगे। यह सीधे सीधे जेबीटी का प्रशिक्षण लेने वालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
-रमेश, जेबीटी प्रशिक्षु।
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का कहना है कि अगर जेबीटी के पदों पर बीएड धारकों को नियुक्ति दी जानी है तब जेबीटी का प्रशिक्षण ही बंद कर देना चाहिए। जेबीटी प्रशिक्षुओं की अगुआई कर रहे अभिषेक ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत की जा रही है। अगर इस समस्या का सकारात्मक हल नहीं निकाला गया तो हड़ताल के अन्य विकल्प भी खुले हैं।
-रोहन, जेबीटी प्रशिक्षु।
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