500 पंचायतों में जमीन उगलेगी सोना

पांच सौ पंचायतों में इंटेग्रेटिड डेवल्पमेंट प्रोजेक्ट (आईडीपी) विकास की इबारत लिखेगा। केंद्र सरकार ने सात सौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रोजेक्ट के माध्यम से पांच विभिन्न विभाग मिल कर कार्य करेंगे। सूख रहे स्त्रोतों को संजीवनी प्रदान कर किसानों के खेत खलिहानों तक प्रोजेक्ट के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। यही नहीं किसानों की नकदी फसलों को प्रोजेक्ट के तहत एक अदद बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इधर, मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के बंद हो जाने के बाद दूरस्थ स्थानों पर नौकरी करने को मजबूर इस प्रोजेक्ट के 150 कर्मचारियों को दोबारा घर के निकट नौकरी मि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 05:25 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 05:25 PM (IST)
500 पंचायतों में जमीन उगलेगी सोना
500 पंचायतों में जमीन उगलेगी सोना

सुरेंद्र शर्मा, मंडी

प्रदेश के दस जिलों की पांच सौ पंचायतों में इंटेग्रेटिड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आइडीपी) विकास की इबारत लिखेगा। केंद्र सरकार ने 700 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। प्रोजेक्ट के माध्यम से पांच विभिन्न विभाग मिलकर कार्य करेंगे। सूख रहे स्रोतों को संजीवनी प्रदान कर खेतों तक पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। किसानों की नकदी फसलों के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इधर, मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के बंद होने के बाद दूरस्थ स्थानों पर नौकरी करने के लिए मजबूर प्रोजेक्ट के 150 कर्मचारियों को दोबारा घर के निकट नौकरी मिलेगी। आइडीपी में कर्मचारियों की दोबारा घर वापसी होगी।

मिड हिमालयन प्रोजेक्ट जून माह में बंद होने के बाद कर्मचारियों को वन विभाग व जायका में समायोजित किया गया था। मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के कर्मचारियों को दस से 15 हजार के वेतन पर दूरस्थ स्थानों पर तैनात किया गया है। अब इनकी दोबारा घर वापसी होगी। आइडीपी दो रेंजों में काम किया जाएगा। इसमें उन पंचायतों का विशेष रूप से चयन होगा, जो चंगर इलाके में आती हैं। वहां खेतीबाड़ी बारिश पर ही ज्यादातर निर्भर रहती है। मिड हिमालय प्रोजेक्ट की तरह ही प्रोजेक्ट भी काम करेगा। कुछ नई चीजों को भी इसमें शामिल किया गया है।

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यह होंगे काम

प्रोजेक्ट में कृषि से जुड़े क्षेत्रों का विकास, जल संरक्षण, जल भंडारण व अन्य ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल होंगी। इनका मकसद चयनित की गई पंचायतों में लोगों के आमदन के जरिये को ऊंचा करना रहेगा। कृषि के क्षेत्र में मौसम परिवर्तन के आधार पर काम किया जाएगा।

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पांच विभाग करेंगे काम

प्रोजेक्ट में वन, कृषि, पंचायतीराज, बागवानी व पशुपालन विभाग काम करेंगे। वन विभाग नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगा।

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केंद्र से प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद अब धरातल पर कार्य शुरू किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों को छोड़ कर अन्य दस जिलों की पांच सौ पंचायतों में कार्य किया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र के समक्ष प्रमुखता से प्रोजेक्ट को उठाने पर मंजूरी मिली है।

-एचके सरबटा, कार्यकारी निदेशक, आइडीपी।

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