खियूरी में 40 साल बाद भी अधर में 40 मेगावाट की पनविद्युत परियोजना

मंडी जिला के बग्गी के निकट खियूरी में प्रस्तावित 40 मेगावाट की क्षमता वाली पनविद्युत परियोजना आज तक पूरी नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 03:38 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 03:38 PM (IST)
खियूरी में 40 साल बाद भी अधर में
40 मेगावाट की पनविद्युत परियोजना
खियूरी में 40 साल बाद भी अधर में 40 मेगावाट की पनविद्युत परियोजना

सुरेंद्र शर्मा, मंडी

मंडी जिला के बग्गी के निकट खियूरी में प्रस्तावित 40 मेगावाट की क्षमता वाली पनविद्युत परियोजना चार दशक से फाइलों में उलझ कर रह गई है। परियोजना स्थल पर तैयार किया गया ढांचा सफेद हाथी बनकर रह गया है। समय-समय पर सत्ता पर काबिज प्रदेश सरकारों की अनदेखी से परियोजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। परियोजना के धरातल पर नहीं उतरने से प्रदेश सरकार को अतिरिक्त आय से हाथ धोना पड़ रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों को भी रोजगार से वंचित रहना पड़ा है।

बल्ह विधानसभा क्षेत्र के खियूरी में 40 मेगावाट की क्षमता वाली पनविद्युत परियोजना का खाका ब्यास सतलुज लिंक परियोजना के दौरान वर्ष 1977 में तैयार किया गया था। यह परियोजना बीएसएल परियोजना का ही एक हिस्सा है। पंजाब, हरियाणा व राजस्थान इसमें भागीदार हैं। बीएसएल परियोजना में पंजाब की 48, हरियाणा की 32 व राजस्थान की 20 फीसद हिस्सेदारी है। बीएसएल प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान बग्गी प्रोजेक्ट का करीब 80 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया था लेकिन लाभ के बंटवारे पर तीनों राज्यों में विवाद गहराने से 20 फीसद काम 40 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। तीनों राज्यों में से कोई भी प्रोजेक्ट के अधूरे काम के लिए पैसा देने को राजी नहीं है। चार दशक से प्रदेश में समय-समय पर सत्ता पर काबिज होने वाली प्रदेश सरकारों ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को कभी गंभीरता से नहीं लिया है।

बग्गी के खियूरी में पनविद्युत परियोजना के निर्माण से प्रदेश को आय होनी थी। वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होने थे। जनता इस परियोजना के निर्माण का लंबे अरसे से इंतजार कर रही है।

विनोद कुमार, उपप्रधान, ग्राम पंचायत नलसर पनविद्युत परियोजना से क्षेत्र का विकास भी होगा। प्रदेश सरकार को परियोजना के निर्माण को लेकर अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए। इस राह में आने वाली अड़चनों का स्थायी समाधान करना चाहिए।

विकास गुप्ता, प्रधान ग्राम पंचायत बग्गी क्षेत्र की जनता खियूरी में पनविद्युत परियोजना की पक्षधर है। परियोजना निर्माण के बाद जो भूमि सरप्लस है, उसे औसतियों को लौटा देना चाहिए। पनविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए जमीन देने वालों को रोजगार में प्राथमिकता देनी होगी।

रोहित शर्मा, निवासी बग्गी चार दशक से अधिक समय से पनविद्युत परियोजना का ढांचा तैयार है। केवल टरबाइन स्थापित करने का कार्य शेष रह गया है। परियोजना के स्थापित होने से बीबीएमबी के साथ प्रदेश सरकार को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी और क्षेत्र में विकास भी होगा।

बबिता, स्थानीय निवासी प्रदेश सरकार ने खियूरी में प्रस्तावित पनविद्युत परियोजना के निर्माण का लंबे अरसे से विवाद काफी हद तक समाप्त कर दिया है। उच्च अधिकारियों की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने की बैठक भी पिछले दिनों आयोजित की गई है। परियोजना का शेष कार्य जल्द पूरा कर यहां विद्युत उत्पादन शुरू होगा।

इंद्र सिंह गांधी, विधायक, बल्ह विधानसभा क्षेत्र पूर्व कांग्रेस सरकार ने बग्गी के खियूरी में विद्युत परियोजना का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। परियोजना की राह में आ रही अड़चनों को खत्म भी कर दिया था। वर्तमान सरकार की विफलता के कारण परियोजना का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इस लेटलतीफी के लिए वर्तमान राज्य सरकार व केंद्र सरकार जिम्मेदार है।

प्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री, हिमाचल सरकार

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