मंडी में स्वतंत्रता सैनानी हिरदा राम की 135वीं जयतीं पर दी श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता सैनानी भाई हिरदाराम की 135वीं जयतीं पर शनिवार को उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इंदिरा मार्केट में मौजूद भाई हिरदाराम की मूर्ति पर नगर परिषद अध्यक्ष सुमन वर्मा ने फूलमाला अर्पित की। उन्होंने कहा कि भाई हिरदाराम ने मंडी में गदर पार्टी की स्थापना की थी।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 12:50 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 12:50 PM (IST)
मंडी में स्वतंत्रता सैनानी हिरदा राम की 135वीं जयतीं पर दी श्रद्धांजलि
स्वतंत्रता सैनानी भाई हिरदाराम की 135वीं जयतीं पर आज उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

 मंडी, जेएनएन। स्वतंत्रता सैनानी भाई हिरदाराम की 135वीं जयतीं पर आज उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इंदिरा मार्केट में मौजूद भाई हिरदाराम की मूर्ति पर नगर परिषद अध्यक्ष सुमन वर्मा ने फूलमाला अर्पित

की। उन्होंने कहा कि भाई हिरदाराम ने मंडी में गदर पार्टी की स्थापना की थी। 28 नवंबर 1885 को मंडी में जन्मे हिरदा राम स्वर्णकार के रूप में कार्य करते थे।

क्रांतिकारी साहित्य पढ़ने पर उनके मन में देशप्रेम की भावना उमड़ी थी। इसके बाद वह गदर पार्टी की स्थापना के बाद उन्होंने मंडी से गदर की गूंज नामक साप्ताहिक पत्रिका निकाली। इसके बाद इनका संपर्क डॉ. मथुरानदास के माध्यम से गदर पार्टी से हुआ और उन्होंने मंडी में इस पार्टी की नींव रखी। हिरदा राम जी बम बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और वह इस कार्य को अंजाम देते थे।

1915 में उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । कोर्ट ने उनको फांसी की सजा दी लेकिन उनकी पत्नी के आवेदन पर उनकी सजा आजीवन कारावास में बदल दी गई। वह 1929 की सजा काटकर वापस आए। उस समय उनको इस बात का मलाल था कि सरकार ने देश की आजादी के बाद उनको कोई मान सम्मान नहीं दिया। 21 अगस्त 1965 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

भाई हिरदा राम स्मारक समिति के सचिव कृषण कांत नूतन ने बताया कि हिरदा राम को इस बात का मलाल था कि सरकार ने केस के दौरान उनकी जब्त जमीन भी देश आजाद होने के बाद भी उनको नहीं लौटाई। उनके दो पुत्र विक्रमजीत सिंह व रणजीत सिंह शिमला में रहते हैं।

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