पंडोह बांध व पार्वती प्रोजेक्‍ट के गेट खोले गए, ह‍िमाचल में बाढ़ जैसे हालात

ह‍िमाचल प्रदेश कुल्‍लू ज‍िला में हुई बार‍िश के बाद ब्यास नदी का रौद्र रूप शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। नदी में पानी की आवक सात साल बाद एक लाख क्यूेसक का आंकड़ा पार कर गई है।

By Munish Kumar DixitEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 11:07 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 11:33 AM (IST)
पंडोह बांध व पार्वती प्रोजेक्‍ट के गेट खोले गए, ह‍िमाचल में बाढ़ जैसे हालात
पंडोह बांध व पार्वती प्रोजेक्‍ट के गेट खोले गए, ह‍िमाचल में बाढ़ जैसे हालात

मंडी [हंसराज सैनी]: ह‍िमाचल प्रदेश कुल्‍लू ज‍िला में हुई बार‍िश के बाद ब्यास नदी का रौद्र रूप शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। नदी में पानी की आवक सात साल बाद एक लाख क्यूेसक का आंकड़ा पार कर गई है। कैचमेंट क्षेत्रों में हो रही मूसलधार बारिश से ब्यास में पानी की आवक 1.10 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई है। वर्ष 2011 में यह आंकड़ा बरसात में 1.36 लाख क्यूसेक था। इस बार सितंबर के अंतिम सप्ताह में यह स्थिति है। वहीं एनएचपीसी ने भी पार्वती प्रोजेक्‍ट के गेट खोल द‍िए हैं। इससे हालात और बेकाबू हो सकते हैं।

पंडोह बांध से निचली तरफ 88,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कई पेयजल योजनाएं सैलाब में डूब गई हैं। मंडी शहर सहित कई अन्य कस्बों में पेयजल संकट गहरा गया है। औट कस्बे में आधी रात को ब्यास का पानी कई घरों घुस गया। प्रशासन ने यहां कई मकानों को खाली करवा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा। यहां ब्यास औट-बंजार मार्ग पर बने लोहे के पुल से उपर बह रही है। 126 मेगावाट क्षमता के लारजी प्रोजेक्ट में रविवार सुबह से बिजली उत्पादन बंद है। इससे बिजली बोर्ड को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

बाढ़ के साथ भारी मात्रा में लकड़ी व कचरा आने से लारजी व पंडोह बांध को खतरा पैदा हो गया है। पंडोह बांध

में रात भर कचरा निकालने का काम चलता रहा। बीबीएमबी के आला अधिकारियों ने बांध पर डेरा डाल रखा है। मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी दवाड़ा में पूरी तरह से जलमग्न है। रविवार से ही मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद है। हजारों वाहन मार्ग के दोनों तरफ फंसे हुए हैं। इससे लोगों को दिक्कताेंं का सामना करना पड़ रहा है। वैकल्पिक मार्ग मंडी कमांद कटौला-बजौरा पर जाम की स्थिति बनी हुई है। आसमान से लगातार आफर बरस रही है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग मैगल के पास आधी रात को हुए भूस्खलन से बंद है। मार्ग बहाली के लिए जेसीबी लगाई गई है। इस मार्ग पर भी सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। तीन दिन से हो रही मूसलधार बारिश से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

वहीं, यह बारिश राष्ट्रहित की दो बड़े प्रोजेक्टों भाखड़ा व पौंग बांध के लिए वरदान बन गई है। दोनों प्रोजेक्ट कई सालों बाद जलसंकट से जूझ रहे थे। भाखड़ा बांध के जलाशय गोविंद सागर का जलस्तर इस बार 68 और पौंग बांध का 45 फुट कम चल रहा था। सूखे की स्थिति को देखते हुए बीबीएमबी ने गत माह आपात बैठक कर भागीदार राज्यों व केंद्र सरकार को हालात से अवगत करवा दिया था। बीबीएमबी ने सर्दियों में भागीदार राज्यों को सिंचाई के लिए पानी देने से हाथ खड़े कर दिए थे। उत्तरी भारत के कई राज्यों में सर्दियों में बिजली संकट पैदा होने की संभावना बढ़ गई थी।

तीन दिन की बारिश से भाखड़ा बांध का जलस्तर 1654 फुट तक पहुंच गया है। जो सामन्य से 26 फुट कम है। भाखड़ा बांध के जलाशय की अधिकतम भंडारण क्षमता 1680 फुट है। आने वाले कुछ दिनों में बीबीएमबी 1680 के आंकड़े तक पहुंच सकता है। पौंग बांध का जलस्तर गत माह 45 फुट कम था। बांध में अधिकतम 1390 फुट तक पानी भंडारण होता है। सोमवार सुबह तक यह आंकड़ा 1380 तक पहुंच गया है। पंडोह बांध से 88,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।ऐसे में शाम तक जल भंडारण का आंकड़ा पार होने की उम्मीद है। पानी की आवक अगर ऐसी बनी रही तो पौंग बांध से पानी छोड़ने की नौबत आ सकती है। कुल्लू जिला में लगातार हो रही बारिश से ब्यास का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए मंडी जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई है।

'ब्यास नदी में पानी की आवक लगातार बढ़ रही है। आंकड़ा 1.10 क्यूसेक तक पहुंच गया है। लकड़ी व कचरे के कारण स्थिति नाजुक बनी हुई है। पंडोह बांध से लगातार कचरा निकाला जा रहा है। सात साल बाद पानी का आंकड़ा 1.10 लाख क्यूसेक तक पहुंचा है। वह भी सितंबर में। हालात पर पल पल की नजर रखी जा रही है।'-राजेश हांडा, अधिशाषी अभियंता, बीबीएमबी पंडोह बांध

'कुल्लू जिला में मूसलाधार बारिश के कारण ब्यास नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। दवाड़ा में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी पानी में डूबा हुआ है। रेड अलर्ट जारी किया गया है। स्थिति से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई गई है। निचले क्षेत्र के लोगों को चार दिन से अलर्ट किया जा रहा है। जहां-जहां जरूरी है, वहां मकान खाली करवाए जा रहे हैं। भारी वाहनों को फिलहाल कुल्लू मनाली जाने की अनुमति नहीं है।'-ऋग्वेद ठाकुर,उपायुक्त मंडी

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