अब प्राकृतिक खेती के उत्पाद का पंजीकरण
मुकेश मेहरा मंडी प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को अब पहचानपत्र मिलेंगे। मंडी जिले में
मुकेश मेहरा, मंडी
प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को अब पहचानपत्र मिलेंगे। मंडी जिले में 60 किसानों का पंजीकरण किया गया है। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत किसानों को उत्पाद बेचने के लिए यह व्यवस्था की गई है। अभी एक साल के लिए ही यह पंजीकरण हुआ है। इसके बाद इसका नवीनीकरण होगा। मंडी में 37208 किसान इस खेती से जुड़े हैं।
प्राकृतिक खेती से तैयार फसलों की मांग अधिक है, लेकिन बाजार में कई लोग प्राकृतिक खेती के नाम पर कीटनाशकों से तैयार फसलों को भी बेच रहे हैं। ऐसे में पंजीकरण के जरिये किसान उपभोक्ता को यह दिखा सकता है कि उसका उत्पाद बिना कीटनाशकों से तैयार हुआ है। यह पंजीकरण कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट के तहत विभाग स्वयं कर रहा है। इसके तहत किसान कितने समय से प्राकृतिक खेती से जुड़ा है। वह घनजीवामृत और जीवामृत खादों का प्रयोग कर रहा है तथा घर पर देसी गाय है या नहीं। यह मापदंड देखे जा रहे हैं। मंडी में अभी 60 किसान जो पांच बीघा से अधिक में प्राकृतिक खेती पिछले 2018-19 से कर रहे हैं का पंजीकरण हुआ है। पंजीकरण कार्ड में किसान का नाम, वह कबसे खेती कर रहा है और कौन सा उत्पादन तैयार करता है लिखा गया है। बता दें कि विभाग की ओर से अब तक 45.50 लाख के अनुदान सहित देसीगाय के लिए आठ हजार रुपये का अनुदान 522 किसानों को दिया गया है।
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बागवान भी शामिल
सराज क्षेत्र में बागवानों का भी पंजीकरण किया गया है, जो प्राकृतिक खेती से सेब की फसल तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा मक्की, गेहूं, विभिन्न सब्जियों व दालों की खेती करने वाले किसान शामिल हैं।
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प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के उत्पादों का पंजीकरण किया जा रहा है ताकि उनको अपने उत्पाद बेचने में परेशानी न हो। जिला में 60 किसानों का पंजीकरण हो गया है।
-ब्रह्मादास जसवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा परियोजना, मंडी।