चौहाटा की जातर के बाद अपने गांव लौटे देवता, मंडी में उदासी का माहौल

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में आए देवी देवता वापस लौट गए हैं देवताआें के लौट जाने से मंडी में उदासी का माहौल है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 02:24 PM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 02:24 PM (IST)
चौहाटा की जातर के बाद अपने गांव लौटे देवता, मंडी में उदासी का माहौल
चौहाटा की जातर के बाद अपने गांव लौटे देवता, मंडी में उदासी का माहौल

मंडी, जेएनएन। चौहाटा की जातर (मेला)  के बाद अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में आए देवी देवता वापस अपने गांव लौट गए। बाबा भूतनाथ मंदिर के प्रांगण को चौहाटा कहा जाता है। वहां पर शुक्रवार को जातर का आयोजन हुआ। सात दिन तक जनपद के देवी-देवताओं के आने से छोटी काशी मंडी देवमयी हो उठी थी। देवताओं के जाने से मंडी नगर में उदासी का सा माहौल हो गया है। जनपद के देवता साल में एक बार शिवरात्रि के दौरान मंडी वासियों के मेहमान बनकर आते हैं। ढोल-नगाड़ों , करनाल, शहनाई और रणसिंगों के समवेत स्वरों से मंडी शहर गुंजायमान हो उठता है।

देवताओं के अपने गांव लौटते ही सब सूना-सूना सा लगने लगता है। चौहाटा की जातर में देवताओं का दरबार सजा तो भारी भीड़ उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। चौहाटा के बदले हुए स्वरूप में देवताओं के बैठने के लिए अलग और श्रद्धालुओं के लिए सड़क पर चलने को खुली जगह की वजह से धक्का-मुक्की का आलम नहीं रहा। मंडी शिवरात्रि में आए देवता अपने परिजनों की तरह एक दूसरे से मिलकर एक साल के लिए जुदा हुए। अगले साल फिर मिलने के वादे के साथ जनपद के देवी-देवता अपने-अपने धाम लौट गए।

टारना से उतरे बड़ादेव कमरूनाग

मंडी जनपद के बड़ादेव कमरूनाग भी टारना मंदिर का अपना आसन छोड़ कर देवी देवताओं को विदा करने के लिए चौहाटा की जातर में आए। बड़ादेव ने कुछ देर के लिए सेरी चानणी की पौडि़यों में अपना आसन जमाया तो उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ादेव से मिलकर देवता वापस अपने-अपने गांव के लिए रवाना हो गए। वहीं, मंडी शहर की खुशहाली और समृद्धि के लिए देव आदि ब्रह़मा ने कार बांधी। देवता के गूर ने देवता के रथ के साथ शहर की परिक्रमा करते हुए नगर वासियों की सुख समृद्धि के लिए दुआ की।

इस दौरान देवता के देवलुओं ने जौ के आटे का गुलाल की तरह हवा में उछाल कर बुरी आत्माओं को दूर रहने का आह्वान किया। इससे पूर्व मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर की ओर से  राज राजेश्वरी के मंदिर में पूजा अर्चना की गई। चौहाटा बाजार में मौजूद देवी-देवताओं को पूजा सामग्री भेंट करने के बाद देवी देवता वापस लौट गए। एक सप्ताह तक मंडी शहर ढोल, नगाड़ों ,शहनाई, करनाल आदि के स्‍वरों से गुंजायमान रहा। देवलू भी नाचते गाते हुए अपने देवता के साथ गांव लौट गए। मंडी शिवरात्रि महापर्व लोक देवताओं की उपस्थिति में लोकोत्सव का रूप ले लेता है।

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