जन्म व मृत्यु पंजीकरण में डिपो धारकों को शामिल करना गलत

जन्म व मृत्यू पंजीकरण में डिपो संचालकों को घसीटना गलत है। इसके लिए वह जिम्मेवार नहीं है। क्योंकि जन्म मृत्यु व विवाह शादियों का पंजीकरण शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों व ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत कार्यलयों के अधिकार क्षेत्र में आता है। किसी व्यक्ति की मृत्यु या शादी होने पर उसके परिवार के लोग पंचायत व नगर कार्यालय में जाकर स्वयं सूचित करते है। इसके बाद पंचायत सचिव व नगर कार्यालय की ओर से सबंधित विभाग को राशन कार्ड से नाम काटने या जोड़ने की सूचना दी जाती है। इसके बाद राशन कार्ड

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 05:18 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 05:18 PM (IST)
जन्म व मृत्यु पंजीकरण में डिपो धारकों को शामिल करना गलत
जन्म व मृत्यु पंजीकरण में डिपो धारकों को शामिल करना गलत

सहयोगी, रिवालसर : जन्म व मृत्यु पंजीकरण में डिपो संचालकों को लाना गलत है। इसके लिए वह जिम्मेवार नहीं है। क्योंकि जन्म, मृत्यु व विवाह शादियों का पंजीकरण शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों व ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत कार्यालयों के अधिकार क्षेत्र में आता है। किसी व्यक्ति की मृत्यु या शादी होने पर उसके परिवार के लोग पंचायत व नगर कार्यालय में जाकर स्वयं सूचित करते हैं। इसके बाद पंचायत सचिव व नगर कार्यालय की ओर से सबंधित विभाग को राशन कार्ड से नाम काटने या जोड़ने की सूचना दी जाती है। इसके बाद राशन कार्ड से उस व्यक्ति का नाम हटाया या जोड़ा जाता है। यह बात बल्ह ब्लॉक डिपो संघ के प्रधान कुलदीप ठाकुर ने कही है। उन्होंने कहा बल्ह क्षेत्र में डिपो संचालक पर मृतक लोगों के नाम राशन कार्ड पर दिए गए सरकारी राशन में मामला दर्ज होने के बाद डिपो संचालक डरे हुए है। इससे डिपो संचालकों में रोष है। उन्होंने दो टूक कहा है कि डिपो संचालक का काम लोगों को राशन कार्ड के आधार पर राशन देना है। अगर कोई डिपो संचालक अन्य अनियमितताओं में संलिप्त पाया जाता है, तो वह जिम्मेवार है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मामले पर निष्पक्षता से जांच की मांग की है। उधर, विजीलेंस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी कुलभूषण वर्मा का कहना है कि पुलिस मामले के हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।

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