पावर हाउस को हुआ कितना नुकसान, आज एमडी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
ऊहल पनविद्युत प्रोजेक्ट के पावर हाउस को पेनस्टॉक में हुए धमाके से कितना नुकसान हुआ है। ब्यास वैली पावर कॉरपोरेशन के इलेक्ट्रिकल विग के अधिकारी मंगलवार को इसकी रिपोर्ट शिमला में बिजली बोर्ड के एमडी आरके शर्मा को सौंपेंगे और प्रस्तुतीकरण भी देंगे। इलेक्ट्रिकल विग के अधिकारियों ने पावर हाउस के उपकरणों व मशीनरी को पानी व मिट्टी घुसने से हुए नुकसान का मोटा मोटा आकलन कर लिया है। नुकसान का असली पता टरबाइन को खोलने के बाद ही चल पाएगा। प्रोजेक्ट की क्षमता 100 मेगावाट है। पावर हाउस में 33.3 मेगावाट की तीन टरबाइन लगी हुई है। तीनों टरबाइन के अंदर भी मिट्टी व पानी घुसने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो प्रोजेक्ट प्रबंधन को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। इससे प्रोजेक्ट को पटरी पर लौटने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है। सिविल विग के इंजीनियरों ने भी नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, मंडी : ऊहल पनविद्युत प्रोजेक्ट के पावर हाउस को पेनस्टॉक में हुए धमाके से कितना नुकसान हुआ है, ब्यास वैली पावर कॉरपोरेशन के इलेक्ट्रिकल विग के अधिकारी मंगलवार को इसकी रिपोर्ट शिमला में बिजली बोर्ड के एमडी आरके शर्मा को सौंपेंगे व प्रस्तुतीकरण भी देंगे। इलेक्ट्रिकल विग के अधिकारियों ने पावर हाउस के उपकरणों व मशीनरी को पानी व मिट्टी घुसने से हुए नुकसान का आकलन कर लिया है।
वास्तविक नुकसान का असली पता टरबाइन को खोलने के बाद ही चल पाएगा। प्रोजेक्ट की क्षमता 100 मेगावाट है। पावर हाउस में 33.3 मेगावाट की तीन टरबाइन लगी हैं। तीनों टरबाइन के अंदर भी मिट्टी व पानी घुसने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो प्रोजेक्ट प्रबंधन को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। इससे प्रोजेक्ट को पटरी पर लौटने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है। सिविल विग के इंजीनियरों ने भी नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
बारह साल के लंबे इंतजार के बाद 16 मई की रात 11:25 बजे प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। 73 मिनट तक सब सामान्य रहा। यूनिट एक से करीब घंटे तक आठ मेगावाट बिजली उत्पादन सुचारू रूप से होता रहा। हमीरपुर के मट्टनसिद्ध फीडर को बिजली आपूर्ति की गई थी। साढ़े बारह बजे के करीब इलेक्ट्रिकल विग के इंजीनियरों ने बिजली उत्पादन आठ से 16 मेगावाट करने के लिए जैसे ही टरबाइन पर लोड बढ़ाया था, पावर हाउस से करीब 150 मीटर की दूरी पर सेल के सेलमा से बने पेनस्टॉक में धमाका हो गया था। करीब डेढ़ लाख क्यूमेक्स पानी पावर हाउस में घुस गया था। 42 मिनट तक 30 कर्मचारी पावर हाउस के अंदर फंसे रहे थे। पानी के साथ बड़ी मात्रा में पहाड़ी से बहकर आई मिट्टी भी पावर हाउस के अंदर जमा हो गई थी।
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पावर हाउस में हुए नुकसान की रिपोर्ट मंगलवार को बिजली बोर्ड के एमडी को सौंपी जाएगी। इसको लेकर अधिकारी प्रस्तुतीकरण भी देंगे।
दिनेश चौधरी, प्रबंध निदेशक, ब्यास वैली पावर कॉरपोरेशन जोगेंद्रनगर