गरली बालिका गृह में रहेंगी चैहटीगढ़ की सगी बहनें

संवाद सहयोगी मंडी औट के चैहटीगढ़ की सात व 10 साल की सगी बहनें अब तंगहाली में गुजर बसर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 11:45 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 03:21 PM (IST)
गरली बालिका गृह में रहेंगी चैहटीगढ़ की सगी बहनें
गरली बालिका गृह में रहेंगी चैहटीगढ़ की सगी बहनें

संवाद सहयोगी, मंडी : औट के चैहटीगढ़ की सात व 10 साल की सगी बहनें अब तंगहाली में गुजर बसर नहीं करेंगी। दोनों को कांगड़ा जिले के परागपुर के गरली स्थित बालिका गृह में आश्रय मिल गया है। दोनों अब वहीं रहकर पढ़ाई कर अपने सपनों को पूरा कर सकेंगी। चाइल्ड लाइन मंडी की टीम ने दोनों बहनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति ने उनके भविष्य को देखते हुए गरली बालिका गृह में आश्रय दिया है।

चैहटीगढ़ में परिवार का मुखिया दुर्घटना का शिकार होने के बाद कुछ साल से घर में बिस्तर पर ही है। स्वयं चल फिरने में असमर्थ परिवार के मुखिया की तीन बेटियां 14, 10 व सात साल की है। परिवार का पालन पोषण करने वाले घर के मुखिया के असमर्थ होने की स्थिति में बेटियों के पालन पोषण का जिम्मा मां के कंधों पर आ गया है। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में पानी टपकना आम बात है। परिवार के मुखिया को हालांकि रेडक्रास सोसायटी की ओर से व्हील चेयर प्रदान की गई है, लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं का अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों व स्वजनों की सहमति के बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने छोटी दो बेटियों का रेस्क्यू किया है। जबकि 14 साल की बड़ी बेटी को माता-पिता के साथ रखा है, ताकि वह घर के काम काज के साथ साथ चल फिरने में असमर्थ अपने पिता की सेवा कर सकें। चाइल्ड लाइन मंडी की टीम को सूचना मिलने पर पंचायत प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर 10 व सात साल की बेटी का रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति ने दोनों बहनों को परागपुर के गरली बालिका गृह में आश्रय दिया है। दोनों बेटियां अब वहीं रहकर पढ़ाई करेंगी।

-अच्छर सिंह समन्वयक, चाइल्ड लाइन मंडी।

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