नड्डा के दौरे से पहले तीन जिलों में होगा संगठन में बदलाव

मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से पहले मंडी कुल्लू व लाहुल-स्पीति में संगठन में बदलाव की तैयारी अंदरखाते कर ली है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:00 AM (IST)
नड्डा के दौरे से पहले तीन जिलों में होगा संगठन में बदलाव
नड्डा के दौरे से पहले तीन जिलों में होगा संगठन में बदलाव

हंसराज सैनी, मंडी

मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से पहले मंडी, कुल्लू व लाहुल-स्पीति जिले में संगठन में बदलाव करने की तैयारी अंदरखाते पूरी कर ली है। तीनों जिलों में पार्टी के चेहरे बदलेंगे। नड्डा चार दिसंबर को मंडी जिले के प्रवास पर आ रहे हैं। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद कई पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय है। दो दौर की समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने कई पदाधिकारियों पर संगठन के लोगों को विश्वास में न लेने के आरोप लगाए हैं। कुल्लू जिला के अध्यक्ष भीमसेन व लाहुल-स्पीति के राजेंद्र बौद्ध अपने जिले में पार्टी की लाज नहीं बचा पाए थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में पदाधिकारी आपस में कई बार भिड़े हैं। दोनों जिलों के अध्यक्ष कार्यकर्ताओं को पूरी तरह फील्ड में उतारने में विफल रहे हैं। उपचुनाव के दौरान तीनों जिलों में महिला मोर्चा, युवा मोर्चा व अन्य प्रकोष्ठों के पदाधिकारी भी नदारद रहे। संगठन ने ऐसे सभी पदाधिकारियों की सूची तैयार कर अब उन पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है। मंडी जिले के भाजपा अध्यक्ष रणवीर सिंह सराज, जोगेंद्रनगर, बल्ह, द्रंग व सदर में पार्टी को बढ़त दिलाने में सफल रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को इन्हीं हलकों में सर्वाधिक बढ़त मिली थी। रणवीर सिंह व जलशक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। पार्टी नेतृत्व ने इस बात को गंभीरता से लिया है। संगठनात्मक जिला सुंदरनगर के अध्यक्ष दलीप ठाकुर कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। हालांकि सुंदरनगर, करसोग, सरकाघाट हलके में भाजपा को बढ़त मिली है, लेकिन तीनों हलकों की बढ़त मिलाकर 5000 से अधिक नहीं है। नाचन हलके में भाजपा का प्रदर्शन शर्मनाक रहा है। पार्टी नेतृत्व सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल को प्रदेश महामंत्री के दायित्व से भारमुक्त कर सकता है। 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले संभावित लोगों को संगठन के दायित्व से भारमुक्त करने का निर्णय लगभग हो चुका है।

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