ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़ की मौजूदगी

जिला कुल्लू में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी में 5000 फीट क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:26 PM (IST)
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़ की मौजूदगी
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़ की मौजूदगी

मुकेश मेहरा, मंडी

जिला कुल्लू में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी में 5000 फीट की ऊंचाई पर नीली भेड़ (ब्लू शीप) होने के सबूत मिले हैं। वन विभाग ने इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है। अक्टूबर में 10 सदस्यीय टीम ने सैंज के रक्तीसार क्षेत्र में समुद्र तल से चार हजार फीट तक की ऊंचाई पर नीली भेड़ को ढूंढने के लिए गई। इस टीम को पार्क में इस प्रजाति के भेड़ के पैरों के निशान और लीद (मल) मिली है।

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में पहले भी सुरक्षा कर्मियों व लोगों ने नीली भेड़ को देखा था। इसे स्थानीय भाषा में 'भरल' कहा जाता है। यह पत्थरों के बीच रहती है और घास खाती है। यह दिखने में हल्के भूरे व नीले रंग की होती है, इसलिए इसे ब्लू शीप कहा जाता है। पत्थरों के बीच रहने के कारण यह नीले रंग की दिखाई देती है। यह भेड़ 120 से 140 सेमी. लंबी होती है और इसका वजन 60 से 70 किलो तक होता है। पूंछ 10 से 20 सेमी. लंबी होती है। बाहरी हलचल होने पर यह एकदम भागकर पत्थरों के बीच छिप जाती है। अधिकारियों की माने तो नीली भेड़ के पार्क में होने के सबूत मिले हैं। इनकी तलाश में टीम भेजी गई थी, लेकिन उसे केवल पैरों के निशान मिले हैं। हिमपात होने पर यह भेडें़ अपने ठिकाने पर ही रहती हैं। यह दो से तीन दिन तक बिना कुछ खाए आराम से रह सकती हैं। मांस के लिए इनका शिकार किया जाता है। यही कारण है कि यह लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी। नीली भेड़ लाहुल स्पीति के ऊंचाई वाले इलाकों सहित, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड व तिब्बत में पाई जाती है।

यह लोग थे टीम में

रक्तीसार तक सर्वे करने गई टीम में एसीएफ सचिन शर्मा, डीएफओ सुनीत भारद्वाज सहित सैंज क्षेत्र से रेंज ऑफिसर सहित 10 लोगों का स्टाफ गया था। टीम 10 दिन तक उक्त क्षेत्र में रही, क्योंकि वहां तक आने जाने में ही पांच दिन से ज्याद समय लग जाता है। --------------

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़ की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। हमारी टीम ने रक्तीसार तक सर्वे किया, जहां पर इस भेड़ के पांव के निशान और लीद मिली है। बर्फबारी के दौरान भी कई बार यह निचले इलाके में आती है। बर्फ हटते ही टीम पुन: सर्वे करेगी।

सुमित भारद्वाज, डीएफओ वाइल्ड लाइफ शमशी।

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