भाजपा पर कहीं भारी न पड़े अंतर्कलह
जागरण संवाददाता मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में नेताओं व कार्यकत्र्ता के बीच
जागरण संवाददाता, मंडी : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में नेताओं व कार्यकत्र्ता के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग भाजपा को भारी पड़ सकती है। जलशक्ति महेंद्र सिंह ठाकुर व सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह के बीच चल रहा शह मात का खेल सड़क पर सार्वजनिक होने से पार्टी की जमकर किरकिरी हो रही है। इस खेल की योजना बनाने व फील्ड में खेलने वालों में और कोई नहीं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी का हाथ है।
सरकाघाट में तीन दिन से जो खेल खेला जा रहा है, उससे जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व उनके परिवार की साख को बट्टा तो लगा ही है, कार्यकत्र्ताओं का मनोबल भी कम हुआ है। इस खेल से भड़की चिंगारियों से अब आने वाले दिनों में कई लोगों के हाथ झुलसने की संभावना जताई जा रही है। कर्नल इंद्र सिंह व महेंद्र सिंह ठाकुर के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। कई बार आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल चुका है। अब लड़ाई की वजह नवाही व थौना वार्ड बनी हुई है। कर्नल इंद्र सिंह नवाही वार्ड से अनिल चंदेल को भाजपा समर्थित प्रत्याशी बनाना चाहते थे। थौना वार्ड में उनकी पसंद चंद्रमोहन शर्मा था, मगर दोनों ही वार्डों में उनकी एक नहीं चली। नवाही में महेंद्र सिंह ठाकुर, रविद्र सिंह की पैरवी करने में सफल रहे। इस वार्ड में भाजपा समर्थित तीन कार्यकत्र्ता चुनाव मैदान में है। थौना वार्ड में दोनों नेताओं की अंतर्कलह के चलते भाजपा नेतृत्व कोई फैसला नहीं कर पाया है। अब मतदान के लिए मात्र एक दिन का समय बचा हुआ है। बल्ह हलके की भड़याल व लोअर रिवालसर वार्ड से पूर्व में रहे भाजपा के दो पदाधिकारियों ने विधायक इंद्र सिंह गांधी के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है। गांधी ने अपने चहेतों के अलावा अन्य किसी का नाम पैनल में नहीं भेजा न ही किसी को विश्वास में लिया। भड़याल व लोअर रिवालसर वार्ड में अब नाक की लड़ाई बन गई है।
जोगेंद्रनगर में भाजपा चार धड़ों में बंटी हुई है। भराडू वार्ड में पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। शहरी निकाय के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन पूरी तरह से फिसड्डी रहा है। द्रंग हलके की नगवाईं वार्ड में सुनीता ठाकुर ने मोर्चा खोल पार्टी संगठन व विधायक जवाहर ठाकुर की मुश्किलें बढ़ा दी है। विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन रहा था। इन चुनावों के बाद पार्टी कितने पानी में है जिला परिषद चुनाव के नतीजों से इस बात का पता चलेगा।