गैर उपजाऊ जमीन पर बनाया जाए एयरपोर्ट
संयुक्त किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि बल्हघाटी में प्रस्तावित हवाई अड्डे को गैर उपजाऊ जमीन पर बनाने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, मंडी : संयुक्त किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि बल्हघाटी में प्रस्तावित हवाई अड्डे को गैर उपजाऊ जमीन पर बनाया जाए। जाहू या अन्य गैर उपजाऊ भूमि में भी ओएलएस व लीडार सर्वे करवाया जाए। क्योंकि वहां के किसान जमीन देने के लिए तैयार हैं। यह क्षेत्र बिलासपुर, मंडी व हमीरपुर जिले का संगम भी है। बहुत ही कम लागत व गैर-उपजाऊ जमीन पर बड़ा एयरपोर्ट बनाया जा सकता हैं। संयुक्त किसान संगठन के बैनर तले अलग-अलग किसान संगठनों ने मंडी के सेरी मंच पर शुक्रवार को रोष दिवस मनाया। इसके बाद उपायुक्त अरिदम चौधरी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन भेजा।
हिमाचल किसान यूनियन के इस्माइल मोहम्मद ने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डे से सिचाई व्यवस्था, पेयजल, टावर लाइन, स्कूल, धार्मिक संस्थान, खेल मैदान, डयोढा जंगल के साथ 2500 मकान, 12000 किसान, कृषि उद्योग, व्यापारिक संस्थान, कृषि मशीनरी आदि बेकार हो जाएंगे तथा मिनी पंजाब के नाम से मशहूर बल्ह घाटी का नामोनिशान मिट जाएगा।
अधिकतर किसान प्रस्तावित हवाई अड्डे की वजह से भूमिहीन तथा विस्थापित हो जाएंगे। बल्ह के बेरोजगार युवा नकदी फसल का उत्पादन कर आजीविका कमा रहे हैं उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष देवी रूप सैनी ने कहा कि बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डा क्षेत्र में आठ गांव स्यांह, टांवा, जरलू, कुम्मी, छात्तड़ू ढाबण, भौर, डुंगराई के साथ सिहन दोंधी, घट्टा के किसान भी प्रभावित होंगे। भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के संयोजक जोगिद्र वालिया ने कहा कि सरकार ने अभी तक भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू नहीं किया है। बल्ह प्रस्तावित हवाई क्षेत्र में जमीन के सर्कल रेट इतने कम हैं कि जमीन कौड़ियों के भाव जाएगी। किसान सभा के अध्यक्ष परस राम ने कहा कि बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे की जद में आने वाले किसानों को विश्वास में न लेकर मुख्यमंत्री जयराम एकतरफा फैसले ले रहे हैं। इस अवसर पर बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमदास चौधरी, नंदलाल वर्मा, गुलाम रसूल, भवानी सिंह, श्यामलाल चौधरी, परसराम, रामजीदास, गंगाराम, हेमराज वालिया व अन्य मौजूद रहे।