18 के बाद 29 अगस्त को खुला था करनोड़ी विश्राम गृह का वीआइपी सेट
जागरण संवाददाता मंडी पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री की चोरी हुई दो अंगूठियों का
जागरण संवाददाता, मंडी : पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री की चोरी हुई दो अंगूठियों का मामला उलझता जा रहा है। अंगूठियां भले ही मिल गई हैं, लेकिन विवाद से जुड़े सवालों के जवाब अभी तक किसी के पास नहीं हैं। पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयानों में विरोधाभास से मामला और पेचीदा हो गया है।
18 अगस्त के बाद वन विभाग के करनोड़ी विश्राम गृह का वीआइपी सेट 29 अगस्त को खुला था। इस दौरान सेट में कोई साफ सफाई नहीं हुई। बेडशीट (चादर) व तकिये का कवर भी नहीं बदला था। 29 अगस्त की रात मजिस्ट्रेट, 30 व 31 को वन विभाग के उच्च अधिकारी इस सेट में ठहरे थे। सफाई के नाम पर मात्र बेडशीट बदली गई थी। 31 अगस्त व पहली सितंबर को नियमित सफाई कर्मी ड्यूटी पर नहीं आई थी। वह चोरी मामले में आत्महत्या का प्रयास करने वाली वाली महिला कर्मी की रिश्तेदार बताई जा रही है। वह किसी रिश्तेदार के यहां आयोजित समारोह में भाग लेने गई थी। कुछ लोग उस पर भी शक की सूई घूमा रहे हैं।
नियमित कर्मी की गैरमौजूदगी में आउटसोर्स पर रखी महिला सफाई कर्मी ने कमरे में पोंछा लगाया था। चौकीदार ने बेडशीट बदली थी। पहली सितबर को पोंछा लगाते समय महिला सफाई कर्मी को एक अंगूठी बिस्तर के साथ रखे छोटे टेबल के किनारे व दूसरी अंगूठी चौकीदार को तकिया झाड़ने के दौरान मिली थी। वहीं पुलिस अधीक्षक आवास के कुछ कर्मियों का कहना है कि दोनों अंगूठियां 13 अगस्त को उन्होंने कमरे में टेबल पर देखी थी। मामले की तह तक जाने के लिए जांच अधिकारी ने अब करनोड़ी विश्राम गृह के आसपास स्थित टावर का डाटा खंगालने का निर्णय लिया है। विश्राम गृह में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। अब सवाल यह पैदा होता है कि नियमित महिला सफाई कर्मी 31 अगस्त व पहली सितंबर को ड्यूटी पर नहीं आई थी। 29 अगस्त से पहली सितंबर तक वीआइपी सेट में नियमित सफाई होती रही, अंगूठियां किसी को क्यों नजर नहीं आई? अंगूठी चोरी मामले में महिला सफाई कर्मी व उसके पति से भी पूछताछ होगी। काल डिटेल व मोबाइल लोकेशन खंगाली जाएगी।
-पुरुषोत्तम धीमान, जांच अधिकारी। वीआइपी सेट में 17 अगस्त को पुलिस अधीक्षक ठहरी थीं। 18 अगस्त को उनके जाने के बाद कमरा बंद कर दिया था। इसके बाद 29 अगस्त को कमरे में एक मजिस्ट्रेट ठहरे थे।
-दीनानाथ चौकीदार, करनोड़ी विश्राम गृह।