डडौर में 150 से ज्यादा घर, दुकानें खतरे की जद में

जागरण संवाददाता मंडी नौलखा से डडौर के बीच फोरलेन का निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:00 AM (IST)
डडौर में 150 से ज्यादा घर, दुकानें खतरे की जद में
डडौर में 150 से ज्यादा घर, दुकानें खतरे की जद में

जागरण संवाददाता, मंडी : नौलखा से डडौर के बीच फोरलेन का निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही से बल्ह घाटी के डडौर में जलभराव हो गया है। इससे 150 से अधिक मकान व दुकानें खतरे की जद में आ गई हैं। करीब 100 बीघा क्षेत्र में टमाटर की तैयार फसल खेतों में ही सड़ गई है। इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कई जगह किसानों को फसल बचाने के लिए खेतों में खुद मोटर पंप लगा पानी की निकासी करना पड़ रही है। शिकायत करने के बाद भी कंस्ट्रक्शन कंपनी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी हैं। किसानों ने प्रशासन को हालात न सुधरने पर मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर डडौर चौक पर चक्का जाम करने की धमकी दी है।

फोरलेन निर्माण के कारण हाईवे के दोनों किनारे निकासी की नालियां पूरी तरह बंद पड़ी हैं। डडौर के साथ लगते नाचन हलके के भौर में बारिश का पानी पहले नालों में जाता था। निर्माण कार्य के चलते नालों की तरफ जाने वाली नालियां बंद हो चुकी है। अब भौर क्षेत्र से भी बारिश का पानी हाईवे से होता हुआ डडौर की तरफ आ रहा है। यहां पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मैदानी भाग होने की वजह क्षेत्र में दो से तीन फीट तक जलभराव हो गया है। दुकानों के आगे पानी भरने से दुकानदारों को अपना कारोबार करने में मुश्किल हो रही है। मानसून में दुकानों व मकानों के अंदर पानी घुसने का खतरा और मंडरा रहा है। हाईवे के पानी से डडौर निवासी रमेश वालिया के मकान की सुरक्षा दीवार गिरने से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। मकान व कई पेड़ खतरे की जद में आ गए हैं। जलभराव की वजह से क्षेत्र में मलेरिया व डेंगू फैलने की संभावना प्रबल हो गई है। रमेश वालिया ने कंस्ट्रक्शन कंपनी की शिकायत उपायुक्त मंडी से की है।

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फोरलेन का निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी मनमर्जी से काम कर रही है। निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। इससे टमाटर की फसल खेतों में सड़ गई। जलभराव से मकानों व दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करने अन्यथा लोगों के पास आंदोलन के सिवाए कोई रास्ता नहीं बचा है।

-रमेश वालिया, डडौर निवासी

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जलभराव को लेकर डडौर क्षेत्र के किसानों की शिकायत मिली है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के परियोजना अधिकारी को मामले में हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए हैं। अगर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने समस्या का कोई समाधान नहीं किया तो कानूनी कार्रवाई होगी।

-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।

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करसोग में 36 घर, 44 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त

संवाद सहयोगी, करसोग : उपमंडल में 11 जून और उसके बाद हुई लगातार बारिशों से करसोग में बड़ी तबाही मचाई है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट में 70 लाख रुपये के नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है। तूफान के कारण कई लोगों के मकान की छतें उड़ गई हैं। पशुशालाओं सहित रसोईघर व शौचालय बिगड़ैल मौसम की भेंट चढ़ गए। 13 परिवार जो एक-एक कमरे में रहते थे, अब तिरपाल के सहारे आ गए हैं।

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक तूफान और भारी बारिश से 36 घरों को नुकसान हुआ है। इसमें घरों को 28 लाख 54 हजार 500 का नुकसान आंका गया है। सात रसोईघरों को भी 2.5 लाख, 44 पशुशालाओं को 21 लाख 10 हजार के नुकसान की रिपोर्ट तैयार की है। शौचालय पर पेड़ गिरने से 30 हजार का नुकसान आंका गया है। वही खेतीं और बागवानी पर भी मौसम कहर बनकर टूटा है। उपमंडल में तूफान और भारी बारिश 50 फीसदी फसल एक ही रात में तबाह हुई है। तूफान व बारिश के बाद तहसीदार 12 जून से फील्ड में है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों फौरी राहत जारी और निकट भविष्य में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। कोरोना संकट की वजह से पहले ही ग्रामीण व्यवस्था बदहाल है। इस पर मौसम ने भी इस बार किसानों और बागवानों की कमर तोड़ी है। प्रशासन ने बागवानी, कृषि, पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग व बिजली बोर्ड से अलग से रिपोर्ट मांगी है।

एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि नुकसान की रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें राजस्व विभाग के मुताबिक ही करीब 70 लाख का नुकसान आंका गया है। अन्य विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है।

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