व्यर्थ पानी से खेतों में छा रही हरियाली
कमलेश वर्मा कुल्लू यदि जल नहीं तो समस्त धरती पर जीवन का अस्तित्व संभव नहीं इसलिए जल के महत्व
कमलेश वर्मा, कुल्लू
यदि जल नहीं तो समस्त धरती पर जीवन का अस्तित्व संभव नहीं इसलिए जल के महत्व को जानकर सभी को इसके संरक्षण का प्रयास करना चाहिए। ऐसी ही मिसाल कुल्लू के साथ लगते टिकरा बावड़ी मंदिर कमेटी के सदस्यों ने प्राकृतिक जनस्रोत से बेकार बह रहे पानी की बूंद-बूंद को सहेज कर पेश की है।
60 से 70 वर्ष पुरानी बावड़ी से बह रहे पानी को बचाने के लिए कृतसंकल्पित कमेटी ने टैंक बनाया है। मंदिर के साथ बनी बावड़ी से रात-दिन लगातार पानी बह रहा है और यह पानी सीधे टैंक में जाता है जहां पर पानी को एकत्रित करके किसान-बागवानों के खेतों व बगीचों को सिचित किया जा रहा है।
मंदिर कमेटी के प्रधान वेदप्रकाश सूद ने बताया कि कुछ सालों से प्राकृतिक जलस्रोतों के पानी में थोड़ी कमी आई है लेकिन मंदिर कमेटी के आपसी सहयोग से पानी को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। टिकरा बावड़ी मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बेकार बह रहे पानी को सहेजने के लिए मंदिर की निचली तरफ टैंक बनाया है। उन्होंने लोगों से भी पानी के महत्व को समझते हुए जलसंरक्षण करने की अपील की है। जिस प्रकार से प्रदेश के गांव-गांव में पानी का अभाव है उसे देखते हुए सभी को बेकार बहते पानी और बारिश की एक-एक बूंद की अहमियत को समझने की जरूरत है। सभी को अभी से कृत संकल्पित होना होगा और पानी की एक बूंद को बचाने के लिए आगे आना होगा।
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एक और टैंक बनाया जाएगा
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष वेद प्रकाश सूद, उपप्रधान अनिल चोपड़ा, सलाहकार देवेंद्र उप्पल, वरिष्ठ सदस्य प्रेम कुमार शर्मा ने बताया कि शीघ्र ही यहां पर एक और टैंक बनाया जाएगा, ताकि लोगों के खेतों को उचित पानी का प्रबंध हो सके।
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जलस्त्रोत लुप्त होने की कगार पर
कई प्राकृतिक जलस्त्रोत विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं। पाइप लाइनों की टूट-फूट, रख-रखाव व लापरवाही के चलते अंधाधुंध पानी बेकार बहता रहता है। पानी के संरक्षण के लिए गंभीरता से विचार करने तथा उचित जल प्रबंधन की त्वरित आवश्यकता है।