रोहतांग दर्रे पर चले बर्फीले तूफान में फंसे वाहनों को बीआरओ ने निकाला, चार घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
Vehicle Trapped in Blizzard दोपहर के वक्त बर्फीला तूफान चलने से करीब 20 वाहन रोहतांग दर्रे पर फंस गए हैं।
मनाली, जेएनएन। लाहुल को कुल्लू से जोड़ने वाला रोहतांग दर्रा बुधवार सुबह वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया। लेकिन दोपहर के वक्त बर्फीला तूफान चलने से करीब 20 वाहन रोहतांग दर्रे पर फंस गए। इन्हें बीआरओ ने करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर लिया। वाहनों के फंसने की सूचना मिलते ही प्रशासन व बीआरओ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई थी। बीआरओ के जवानों ने डोजर व जेसीबी मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। बर्फीला तूफान चलने के कारण बर्फ सड़क पर आ गई है व ठंड अधिक होने के कारण यह ठोस हो गई। वाहनों में कई लोग सवार थे। चिंता की बात यह थी कि मौसम खराब हो रहा था, यदि बर्फबारी शुरू हो जाती है तो इन लोगों को रेस्क्यू करने में मुश्किल हो सकती थी।
बुधवार सुबह दर्रा बहाल होते ही लाहुल-स्पीति में चार दिन से फंसे लोगों ने मनाली का रुख किया था। लेकिन दोपहर को वे दर्रे पर मुसीबत में फंस गए। बीआरओ ने सुबह दर्रा खुलते ही प्राथमिकता के आधार पर लाहुल में फंसे वाहनों को मनाली भेजना शुरू किया। मंगलवार शाम 20 से अधिक फ़ॉर व्हील ड्राइव वाहन दर्रा पार कर पाए थे। रोहतांग दर्रे पर बादल छाए रहे। बर्फबारी शुरू होने पर रोहतांग दर्रा फिर से बंद हो जाएगा।
रोहतांग सुरंग से जाती है रोजाना एक बस
लाहुल स्पीति के लोगों के दर्द को देखते हुए सरकार की ओर से रोहतांग सुरंग का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन सुरंग अभी निर्माणाधीन है व इसमें सफर करना खतरनाक भी हो सकता है। लोगों की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने सुरंग से एक बस की सेवा शुरू की है, लेकिन यह भी नाकाफी हो रही है। लाहुल-स्पीति की जनसंख्या 35 हजार के करीब है। जबकि कुल्लू व मनाली में बसने वाले हजारों लोगों की भी वहां जमीन व रिश्तेदारी है। ऐसे में लोगों का आना जाना लगा रहता है।