एसडीएम के हौसले ने बचाई पर्यटकों की जान, लगे जिंदाबाद के नारे

अगर टीम लीडर बेहतरीन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:46 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:46 PM (IST)
एसडीएम के हौसले ने बचाई पर्यटकों की जान, लगे जिंदाबाद के नारे
एसडीएम के हौसले ने बचाई पर्यटकों की जान, लगे जिंदाबाद के नारे

जागरण टीम, मंडी/मनाली : अगर टीम लीडर बेहतरीन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाता है। लाहुल स्पीति के बातल में फंसे 59 पर्यटकों को एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में सुरक्षित निकाला गया। रेस्क्यू में वह टीम के साथ रहे। सभी को सुरक्षित निकालने के बाद युवाओं ने एसडीएम के जिदाबाद के नारे लगाए। इस आपरेशन में महिला व युवक मंडलों ने भी उनका पूरा सहयोग किया।

प्रशासन को 20 अक्टूबर की रात को सूचना मिली कि शीला घोष सहित 17 पर्यटक मनाली से काजा वाया चंद्रताल के लिए आए हैं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस पर एसडीएम की अध्यक्षता वाली टीम ने कोकसर से चंद्रताल निकलने की योजना बनाई, लेकिन वहां से नहीं जा पाए तो बातल होकर इलाके की रेकी की। इसमें एसडीएम महेंद्र प्रताप राणा ने रेस्क्यू दल का मार्गदर्शन किया और यह भी सुनिश्चित किया कि किसी को कोई नुकसान न हो। ऐसे बनाई रणनीति

एसडीएम की अगुवाई में रेस्क्यू टीम का गठन किया। इसमें डीएसपी रोहित मृगपुरी, नायब तहसीलदार विद्या सिंह नेगी, एसएचओ गोपाल नेगी सहित दो गांवों के 21 युवा शामिल थे। प्रशासन ने 20 अक्टूबर को रेकी की। अगले दिन कुंजुम टाप से करीब चार किलोमीटर आगे तक ही टीम की गाड़ियां पहुंच पाई। इसके बाद लोसर और पांग्मो गांव के युवकों की 12 सदस्यीय टीम बातल के लिए रवाना की। पौने तीन घंटे बाद यह जब बातल पहुंचे तो उन्हें देख पर्यटकों में जैसे जान आ गई। वहां पर 59 पर्यटक रुके थे, जिनके खाने पीने रहने की व्यवस्था चाचा-चाची के ढाबे में थी। इनमें से करीब 23 पर्यटकों के पास स्नो शूज और गर्म कपड़े भी नहीं थे। 22 अक्टूबर को टीम सामान लेकर पहंची और दो दलों में पयटकों को लाया गया। इस दौरान चार किलोमीटर तक पैदल सफर भी किया। बातल से निकलने के बाद ग्रामीण महिलाओं ने पर्यटकों के खाने पीने की व्यवस्था की।

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