पानी में कम थी पीएच वैल्यू

दविंद्र ठाकुर कुल्लू जिला कुल्लू की सैंज नदी में मछली मरने के मामले में पानी की रिपोर्ट मे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 06:11 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:11 PM (IST)
पानी में कम थी पीएच वैल्यू
पानी में कम थी पीएच वैल्यू

दविंद्र ठाकुर, कुल्लू

जिला कुल्लू की सैंज नदी में मछली मरने के मामले में पानी की रिपोर्ट में पीएच (पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन) वैल्यू सात से कम पाई गई जो कि एसिड था। यह पता तब चला जब सैंज घाटी में दो व्यक्तियों के निजी फिश फार्म में करीब 6500 मछलियां व उनके बच्चे मर गए। इसके बाद मत्स्य विभाग ने इसकी जांच की। इस दौरान पानी के सैंपल लिए गए और जल शक्ति विभाग की रिपोर्ट में पीएच वैल्यू कम पाई गई। अभी तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के बाद ही कोई कार्रवाई हो पाएगी।

पशु पालन विभाग द्वारा मछलियों के किए गए पोस्टमार्टम में इस बात का पता चला है कि पानी में खराबी होने के कारण ही मछलियों की मौत हुई है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चला है कि पानी खराब कैसे हुआ।

16 जून, 2020 से गोविद सिंह और बुधराम के फिश फार्म में मछलियों के मरने का क्रम शुरू हो गया था। बुधराम ने बताया कि उनके फार्म में 5500 मछलियों के बच्चों की मौत हुई जबकि गोविद के फार्म में एक हजार से अधिक मछलियों के बच्चे मरे।

-------------

एनएचपीसी पर था आरोप

मछलियों की मौत के लिए शुरुआती दौर से एनएचपीसी दो और तीन चरण को दोषी माना जा रहा था और प्रभावितों ने इसको लेकर सैंज स्थित नायब तहसीलदार को शिकायत भी दी थी। नायब तहसीलदार ने एनएचपीसी चरण-2 और चरण तीन से जवाब भी तलब किया था, लेकिन एनएचपीसी साफ तौर पर मुकर गया कि मछली मरने में उनका कोई लेना-देना नहीं है और न ही वे केमिकल युक्त पानी नदी में छोड़ते हैं।

-------------

जल शक्ति विभाग द्वारा की गई पानी की जांच में पीएच की वैल्यू कम और एसिड पाया गया, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह मात्रा कहां से और कैसे आई जिस कारण मछलियां मरीं। अभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है।

-सुशील जनार्था, उपनिदेशक मत्स्य विभाग जिला कुल्लू

chat bot
आपका साथी