शंगचूल महादेव के लौटने पर शांघड़ में पड़छाण पर्व शुरू

संवाद सूत्र, सैंज : जिला के देवी-देवताओं का स्वर्ग से घर लौटना शुरू हो गया है। पौष महीने की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 04:17 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 04:17 PM (IST)
शंगचूल महादेव के लौटने पर शांघड़ में पड़छाण पर्व शुरू
शंगचूल महादेव के लौटने पर शांघड़ में पड़छाण पर्व शुरू

संवाद सूत्र, सैंज : जिला के देवी-देवताओं का स्वर्ग से घर लौटना शुरू हो गया है। पौष महीने की संक्रांति से जिला कुल्लू के विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों के कपाट बंद होने के साथ ही पूजा-पाठ भी बंद था। प्राचीन मान्यतानुसार पौष व माघ महीने में सभी देवी-देवता अपने स्थानों पर बंद रहते हैं। जिसे नरोल कहते हैं और ज्यादातर देवताओं का नरोल फाल्गुन महीने में समाप्त होता है।

वहीं जिला के शांघड़ स्थित आराध्य देवता शंगचूल महादेव का नरोल फाल्गुन माह के आठ प्रविष्टे को समाप्त हुआ और देवता के बाहर निकलने पर पड़छाण पर्व मनाया गया। देवता कमेटी के कारदार गिरधारी लाल शर्मा ने बताया प्राचीन मान्यतानुसार पौष व माघ महीनों में देवता स्वर्ग प्रवास पर रहते हैं और हारियानों की सुख-समृद्धि के लिए जाप करते हैं, जिस कारण इन दिनों पूजा-पाठ भी बंद रहता है।

उधर, शांघड़ के शंगचूल देवता के दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों ने उपस्थिति दर्ज की। देवता के पुजारी देवेंद्र, जगदीश शर्मा ने कहा देवता के पुजारी व प्रमुख कारकून एक सप्ताह पहले से निराहार व्रत रख कर देवता के रथ का श्रृंगार करते हैं वहीं महिलाएं विशेष गीतों से देवता के घर आने पर स्वागत करती हैं।

देवता कमेटी के प्रमुख पालसरा टेक ¨सह, काईथ प्यारे लाल, तारा ¨सह राणा, उत्तम ¨सह, चुनी लाल, निमत राम, रू¨पद्र राणा ने बताया पड़छाण पर्व शांघड़वासियों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन देवता अगले एक वर्ष के लिए हारियानों के लिए आने वाले सुख-दु:ख की सूचना देते हैं।

----- क्या है देवता का नरोल :

वर्ष में करीब दो महीने तक देवी-देवताओं के मंदिरों के कपाट बंद रखे जाते हैं और इस दौरान किसी भी तरह की पूजा-पाठ नहीं किया जाता। प्राचीन मान्यतानुसार इसे नरोल कहते हैं और नरोल में रहने के लिए हारियान प्रतिवर्ष अपने आराध्य देवों के पास पूछ डालते हैं। देवपरंपरा के अनुसार नरोल के दौरान देवता स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं, जहां हार-जीत के आधार पर हारियानों में सुख-समृद्धि का वरदान देते हैं।

------- ऊर्जा मंत्री के बेटे ने नवाया शीश

जिला के शांघड़ में शंगचूल महादेव के दर्शन के लिए ह•ारों लोगों का हु•ाूम उमड़ा। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पौत्र एवं प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री अनिल शर्मा के छोटे बेटे आश्रय शर्मा ने माथा टेका।

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