24 घंटे सीआइएसएफ का पहरा, फिर कैसे चोरी हुई स्टेटर बार?

कमलेश वर्मा कुल्लू पार्वती जलविद्युत परियोजना तृतीय चरण के बिहाली सैंज पावर हाउस से स्टेटर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:35 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:35 PM (IST)
24 घंटे सीआइएसएफ का पहरा, फिर कैसे चोरी हुई स्टेटर बार?
24 घंटे सीआइएसएफ का पहरा, फिर कैसे चोरी हुई स्टेटर बार?

कमलेश वर्मा, कुल्लू

पार्वती जलविद्युत परियोजना तृतीय चरण के बिहाली सैंज पावर हाउस से स्टेटर बार चोरी की बात लोगों के गले नहीं नहीं उतर रही है। पूछताछ में अब इस बात से पर्दा भी उठने लगा है। राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) के अधिकारी जहां से स्टेटर बार चोरी होने की कहानी गढ़ रहे हैं, वहां परिदा भी पर नहीं मार सकता।

स्टेटर बार पावर हाउस में रखी गई थी। पावर हाउस के बाहर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) का पहरा है। 24 घंटे यहां सीआइएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। बिना परमिट किसी को पावर हाउस के अंदर जाने की अनुमति नहीं हैं। 1.23 करोड़ की स्टेटर बार चोरी होने की शिकायत करने वाले आरोपित अधिकारी अब मात्र 26 लाख की चोरी या गबन होने की बात कर रहे हैं। एनएचपीसी ने स्टेटर बार की खेप 2016 में भोपाल से मंगवाई थी। भोपाल से सैंज के लिए बिलटी कटी थी। ट्रांसपोर्ट से सामान सैंज पहुंचा था या फिर रास्ते में ही गायब कर दिया गया, पुलिस इसकी जांच में लगी हुई है। जिस स्टेटर बार की चोरी होने की बात कही गई है उसका उल्लेख एनएचपीसी के रिकॉर्ड में कहीं नहीं है। इसे स्टोर में रखने के बजाय पावर हाउस में क्यों रखा गया, इसका भी एनएचपीसी के पास जवाब नहीं है। स्टेटर बार का इस्तेमाल जेनरेटर की बाइडिंग में होता है। स्टॉक का सत्यापन हर साल होता है आखिर दो साल बाद एनएचपीसी को स्टेटर बार की याद क्यों आई। वहीं, गबन एवं चोरी के इस हाईप्रोफाइल मामले में आरोपित चार अधिकारियों का पुलिस रिमांड एक दिन और बढ़ गया है।

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क्या है मामला

28 सितंबर 2018 में एनएचपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक ने बंजार थाने में सैंज पावर हाउस के स्टोर से 58 स्टेटर बार जिनकी कीमत 1.23 करोड़ रुपये थी के चोरी होने का मामला दर्ज करवाया था। पुलिस जांच में सामने आया कि एनएचपीसी और बीएचइएल के कर्मियों ने मिलीभगत कर इस गबन को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में रविवार को एनएचपीसी के तीन व भेल कंपनी के अधिकारी को गिरफ्तार किया था। दो अन्य आरोपित जिनमें एक वरिष्ठ प्रबंधक (शिकायतकर्ता) और दूसरा स्टोर इंचार्ज न्यायालय से अंतरिम जमानत पर हैं।

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